भारतीय ग्रैंड मुफ़्ती
भारत के ग्रैंड मुफ़्ती भारत के सुन्नी मुस्लिम समुदाय के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली धार्मिक प्राधिकारी हैं। पदधारी शेख अबुबक्र अहमद[1] (संस्थापक: जामिया मरकजु़स् सकाफतुस्सुन्निया, मरकज़ नालेज सिटीी कालीकट, केेरल) हैं, अखिल भारतीय सुन्नी जमीयतुल उलमा के महासचिव, जिन्हें फरवरी 2019 में नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित गरीब नवाज शांति सम्मेलन में उपाधि से सम्मानित किया गया था जिसे ऑल इंडिया तंज़ीम उलमा-ए-इस्लाम द्वारा आयोजित किया था।[2]
भूमिका
संपादित करेंइतिहास
संपादित करेंवैसे तो मुगल बादशाहों के समय ही से भारत में इस पद का वजूद है, चुंकि इमाम अहमद रज़ा खान बरेलवी (1856-1921) अंग्रेज़ों की कचहरी को अदालत (जहाँ अदल होता है) नहीं मानते थे, इस लिये उन्होंने ने मुफ्ती आज़म हिन्द के ओहदे को पुनर्जीवित किया, और अपने शिष्य मुफ्ती अमजद अली आज़मी (लेखक: बहार ए शरीअत) को मुफ्ती आज़म हिन्द बना दिया।[3]
पूर्व ग्रैंड मुफ़्ती
संपादित करें- मुफ्ती अमजद अली आजमी
- मुफ्ती मुस्तफा रज़ा खान बरेलवी
- मुफ्ती अख्तर रज़ा खान बरेलवी
संदर्भ
संपादित करें- ↑ "नामचीन आलिमों ने मलेशियाई Hijra Award के लिए Sheikh Abubakar को दी बधाई". https://www.hindi.awazthevoice.in. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
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में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ "रजा के दीवानों ने घरों को बनाया इबादतगाह". Dainik Jagran. अभिगमन तिथि 2023-09-08.
- ↑ हयात ए सदरूश्शरिया. लेखक: बहरुल उलूम मुफ्ती अब्दुल मन्नान आज़मी.