भारतीय द्रव्य बाजार (Money market in India) भिन्न-भिन्न प्रकार के उपबाजारों से मिलकर बना है जो अपने-अपने तरह के विशिष्ट लघु-अवधि क्रेडिट के लिए हैं। द्रव्य बाजार लोगों के लघु-अवधि के ऋणों और निवेशों को पूरा करता है। लघु-अवधि के फण्ड के अन्तर्गत अधिकांश फण्ड एक रात की अवधि से लेकर एक वर्ष तक की अवधि के होते हैं। इसमें वे वित्तीय पत्र (financial instruments) भी सम्मिलित हैं जो धन (मनी) के निकटतम विकल्प समझे जाते हैं। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की भाँति ही भारतीय द्रव्य बाजार भी विविधतापूर्ण है और और अनेकों चरणों से होकर गुजरा है (परम्परागत ट्रेजरी बिल और काल मनी से लेकर जमा प्रमाणपत्र, रेपो, फॉरवर्ड रेट एग्रीमेन्ट, तथा ब्याज दर स्वैप तक)


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