भारतीय म्यूचुअल फंड भारत का म्यूचुअल फंड उद्योग है। इसकी शुरूआत भारत में 1964 में भारत सरकार द्वारा यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना से हुई। यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया अभी भी भारत का एक अग्रिणी म्यूच्युअल फंड कंपनी है। इसका नियंत्रण एक खास कानून, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया एक्ट, 1963 के द्वारा होता है।

इस उद्योग को 1987 में सरकारी बैंको और बीमा कम्पनियो के लिये खोला गया। अब तक 6 सरकारी बैंको ने अपने म्यूच्युअल फंड शुरू किये है, तथा दो इंश्योरैंस कम्‍पनियां एलआईसी (LIC) और जीआईसी (GIC) ने भी अपने फंड शुरू किये है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Mutual Fund (Regulation) 1993, के तहत भारत में पहली बार म्यूच्युअल फंड उद्योग के लिये एक comprehensive regulatory framework बनाया। तब से अब तक काफी सारे निजी और सरकारी म्यूच्युअल फंडो की स्थापना हो चुकी है।

म्यूच्युअल फंड संपादित करें

सभी विकसित देशो की तरह भारत मे भी म्यूच्युअल फंड में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इसके कई कारण है। म्यूच्युअल फंड निवेशकों को शेयर बाज़ार में निवेश का एक सस्ता और आसान तरीका प्रदान करते है, म्यूच्युअल फंड के माध्यम से आम निवेशकों को विविधीकरण (diversification) और वित्तीय नियंत्रण (money management) का फायदा आसानी से मिल जाता है। इस तरह की सुविधा पहले केवल उन ही लोगों को मिल पाती थी जिनके पास या तो बहुत सम्पत्ति होती थी या उन्हें पूंजी बाज़ार की तकनीकी जानकारी होती थी।

म्यूच्यूअल फंड्स के कीतने प्रकार होते हे ?[1]

  1. इक्विटी फण्ड
  2. डेब्ट फंड्स
  3. हाइब्रिड फंड्स
  4. मनी मार्किट फंड्स

उद्योग के दौर संपादित करें

भारतीय म्यूच्युअल फंड उद्योग तीन दौरो से गुज़र चुका है।

1964 से 1987 संपादित करें

पहला दौर था 1964 से 1987 का जब यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया ही बाज़ार में अकेला खिलाडी था। दूसरा, 1988 के अंत तक इसके पास रु 6,700 करोड की सम्पत्ति थी।

1993 से अबतक संपादित करें

तीसरे दौऱ की शुरुआत 1993 में निजी और विदेशी बैंकोँ के आने से हुई। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India - SEBI) ने 1993 में भारत में पहली बार Mutual Fund and Asset Management Companies के लिये ढाचा परिभाषित किया। कई निजी म्यूच्युअल फंड की स्थापना 1993 और 1994 में हुई। तब से बाज़ार में निजी म्यूच्युअल फंडोँ मे काफी बढ़त हुई है। कोठारी पायोनियर म्यूच्युअल फंड निजी क्षेत्र का पहला फंड था। इसके बाद से भारत में म्यूच्युअल फंड उद्योग ने काफी तरक्की की। सन 2000 के अंत तक 32 फंड रु 1,13,005 करोड़ का प्रबन्धन कर रहे थे।
अभी (2020 में) भारत में 45 म्यूच्युअल फंड संस्थान है।[2]

यह भी देखे संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. unicworldhindi, unicworldhindi (2021-06-20). "म्यूच्यूअल फंड्स क्या होता हे ? और कैसे काम करता हे ? - म्यूच्यूअल फंड्स के कीतने प्रकार होते हे ?". unicworldhindi. मूल से 21 दिसंबर 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-12-21.
  2. AMFI. "संग्रहीत प्रति". AMFI. मूल से 21 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 मार्च 2020.

बहारी कडियाँ संपादित करें