भारतीय लोक भाषा सर्वेक्षण
भारतीय लोक भाषा सर्वेक्षण (The People's Linguistic Survey of India (PLSI)) सन 2010 में शुरू किया गया एक भाषा सर्वेक्षण है। इसका उद्देश्य भारत में बोले जाने वाली भाषाओं की वर्तमान स्थिति का ज्ञान प्राप्त करना था। यह सर्वेक्षण करीब 3500 शोधकर्ताओं द्वारा किया गया, जिसमें करीब 2000 भाषा विशेषज्ञ, सामाजिक इतिहासकार और गैर सरकारी संगठन भाषा अनुसंधान और प्रकाशन केंद्र, बड़ौदा के कर्मचारी शामिल हैं, और इसने भारत में 780 भाषाओं की पहचान की है। कुल 35,000 से भी अधिक पृष्ठों का सर्वेक्षण 50 खंडों में प्रकाशित किया जा रहा है। सन 2012 को वडोदरा में भाषा वसुधा वैश्विक भाषा सम्मेलन में इसके पहले छह खंड जारी किए गए थे।[1] सर्वेक्षण का मुख्य कार्य दिसंबर 2012 में पूरा हुआ और इसके कई खंड पब्लिशिंग हाउस ओरिएंट ब्लैकस्वान द्वारा प्रकाशित किए जा रहे हैं।[2]
सन्दर्भ
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Bhasha comes up with India’s first linguistic survey in Hindi
- ‘We are talking more using fewer words’
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