भारतीय विदेश व्यापार संस्थान
भारततीय विदेश व्ययापार संस्थान (Indian Institute of Foreign Trade (IIFT)) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1963 में एक स्वशासी संस्था के रूप में की गई थी। इसकी स्थापना के पीछे विदेश व्यापार प्रबंधन को व्यावसायिक रूप देने का उद्देश्य था। इसके अलावा मानवीय संसाधानों के विकास, आंकड़ो के संकलन, विश्लेषण व वितरण व अनुसन्धान के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देना था। संस्थान अपनी भूमिका निम्न रूप में दृष्टिगोचर करता है-
- भारतीय अर्थ व्यवस्था के वैश्वीकरण हेतु नए विचार, अवधारणा व कौशल हेतु उत्प्रेरक के रूप में
- निगमित क्षेत्र, सरकार व विद्यार्हियों के लिए अंतराष्ट्रीय व्यवसाय के क्षेत्र में प्रशिक्षण व अनुसंधान आधारित सलाह देना
- प्रायोजित व गैर प्रायोजित अनुसंधान के द्वारा तथा सलाहकार के रूप में सरकार व व्यापार और उद्योग जगत को सेवा प्रदान करने के लिए अपने ज्ञान को निरंतर उन्नत करने की सिद्ध क्षमता वाला संस्थान
- संस्थान अंतराष्ट्रीय कार्यपालकों व मध्य स्तर के पेशेवरों के लिए लम्बी अवधि के पाठ्यक्रम चलाता है जो कि निम्न है-
चित्र:Indian Institute of Foreign Trade logo.jpg | |
प्रकार | सार्वजनिक व्यापार संस्थान |
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स्थापित | 1963 |
निदेशक | अजय कुमार भल्ला |
शैक्षिक कर्मचारी | 49 |
प्रशासनिक कर्मचारी | 31 |
स्थान | नयी दिल्ली एवं कोलकाता (extended campus), दिली और पश्चिम बंगाल, भारत 28°53′42″N 77°18′31″E / 28.89500°N 77.30861°Eनिर्देशांक: 28°53′42″N 77°18′31″E / 28.89500°N 77.30861°E |
परिसर | Urban, 6 एकड़ (24,000 मी2) |
Satellite campus | Dar es Salaam, तंजानिया |
उपनाम | IIFT |
संबद्धताएं | UGC |
जालस्थल | tedu |
आईआईएएफटी गत वर्षों के दौरान डब्लूटीओ, विश्वव बैंक, अंकटाड, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार जैसे संगठनों के साथ नए-नए अनुसंधान अध्ययन संपन्न किए हैं। संस्थान द्वारा अपने प्रबंधन विकास कार्यक्रमों के मााध्यम से 30 देशों में 40,000 से अधिाक व्यावसायिककों को इंटरनेशनल बिजनेस और व्यापार नीति के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदाान किया गया है।