भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान भारत का एक राष्ट्रीय पेशेवर लेखा निकाय है। यह 1 जुलाई 1949 को सनदी लेखाकार अधिनियम 1949 के अंतर्गत निगमित निकाय के रूप में स्थापित किया गया था| अपने अस्तित्व के लगभग छह दशकों के दौरान, भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान न केवल देश में एक प्रमुख लेखा निकाय के रूप में मान्यता हासिल की है लेकिन यह विश्व स्तर पर भी शिक्षा, व्यावसायिक विकास, उच्च लेखांकन, लेखा परीक्षा और नैतिक मानकों के रखरखाव के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाना जाता है। ICAI सदस्यता के मामले में American Institute of Certified Public Accountants के बाद दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी पेशेवर लेखा संस्थान है। ICAI कंपनियों पर लागु होने वाले लेखा मानको की सिफारिश लेखांकन मानकों की राष्ट्रीय सलाहकार समिति (NACAS) से करती है और अन्य संगठनों पर लागु होने वाले लेखा मानकों का निर्धारण करती है।

कोई भी व्यक्ति निर्धारित परीक्षाओं मे भाग ले कर और तीन साल के व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौर से गुजर कर ICAI का सदस्य बन सकता है। सदस्यता की परीक्षा अपने कठोर मानकों के लिए जानी जाती है।चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने व्यावहारिक अनुभव से देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी मदद भी करते हैं।

हाल ही में ICAI CA परिणाम 2023 की घोषणा की गई है।


भूमिका संपादित करें

ICAI की स्थापना सनदी लेखाकार अधिनियम, १९४९ के तहत ‎ भारत में लेखांकन के पेशे के विनियमन के उद्देश्य से की गयी थी। यह एक चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने की योग्यता को निर्धारित करता है, परीक्षा लेता है तथा लेखांकन की प्रेक्टिस करने का लाइसेंस देता है। इसके अलाव यह सरकारी संस्थाओ जैसे की RBI, SEBI, MCA, CAG, IRDA आदि को नीति निर्माण मे सहयोग करता है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

[1]

  1. "ICAI CA Result 2023 (घोषित)". मूल से 8 जुलाई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जुलाई 2023.