भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार विभिन्न श्रेणियों में हिन्दी रचनाओं के लिये दिये जाते हैं। यह पुरस्कार भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है यह वर्ष १९८३ में शुरु किया गया था। । इस पुरस्कार के लिए पात्रता मानदण्ड है, भारतीय लेखकों द्वारा हिंदी में मौलिक लेखन।

ये पुरस्कार आरम्भ में पत्रकारिता और जनसंचार में दिए गए थे। अन्य तीन श्रेणियों, राष्ट्रीय एकता, महिलाओं के मुद्दे और बाल साहित्य को वर्ष 1992 में जोड़ा गया था।

वर्ष 2011 के लिए संपादित करें

पत्रकारिता और जनसंचार श्रेणी

प्रथम पुरस्कार: विजय दत्त श्रीधर को पहला संपादकीय के लिए

द्वितीय पुरस्कार: हरीश चन्द्र बर्णवाल को उनकी पुस्तक ‘टेलीविजन की भाषा’ के लिए

तृतीय पुरस्कार: संतोष कुमार निर्मल ने अपनी पुस्तक ‘फिल्में और प्रचार : तब से अब तक’ के लिए.

महिलाओं के मुद्दों से सम्बन्धित श्रेणी

गीताश्री को उनकी कृति ‘औरत की बोली’ के लिए

राष्ट्रीय एकता श्रेणी

डॉ नवरत्न कपूर को उनकी पुस्तक ‘त्यौहारों तथा मेलों की विचित्रताएं’, ‘जनसंचार माध्यम और राष्ट्रीय एकता’ के लिए.

बाल साहित्य श्रेणी

प्रथम पुरस्कार: बानो सरताज को उनकी किताब ‘पाक्य और परीक्षम’ के लिए

द्वितीय पुरस्कार: श्री राजीव सक्सेना को ‘प्रोफेसर खुराना के क्लोन’ के लिए

वर्ष 2012 के लिए संपादित करें

पत्रकारिता और जनसंचार श्रेणी

प्रथम पुरस्कार: विजया लक्ष्मी सिन्हा को उनकी पुस्तक ‘मैनें आवाज़ को देखा’ के लिए

द्वितीय पुरस्कार: माधव हाडा को उनकी पुस्तक ‘सीढ़ीयां चढ़ता मीडिया’ के लिए

तृतीय पुरस्कार: सुरेश कुमार को उनकी पुस्तक ‘ऑनलाइन मीडिया’ के लिए

महिलाओं के मुद्दों से सम्बन्धित श्रेणी

प्रथम पुरस्कार: उर्मिला कुमारी को उनकी पुस्तक जार जार तार तार के लिए

द्वितीय पुरस्कार: संजुला थानवी को उनकी पुस्तक मानवाधिकार, ‘पंचायती राज से सशक्त नारी’ के लिए

बाल साहित्य वर्ग

प्रथम पुरस्कार: डॉ मोहम्मद अरशद खान को उनकी पुस्तक पुस्तक मिकी माउस के लिए

द्वितीय पुरस्कार: पवित्र अग्रवाल को उनकी पुस्तक ‘फूलों से प्यार’ के लिए

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें