भारत-प्रशान्त

विश्व का एक जैवभौगोलिक क्षेत्र

भारत-प्रशान्त (अङ्ग्रेज़ी: इण्डो-पैसिफ़िक, Indo-Pacific), जिसे भारत-पश्चिम प्रशान्त अथवा हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र कहा जाता है, एक जैवभूगोलिक क्षेत्र है भारतीय महासागर का उष्णकटिबन्धीय जलक्षेत्र एवं पश्चिम-मध्य प्रशान्त महासागर सम्मिलित है। यह अफ़्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट से अमेरिकी महाद्वीपों के पश्चिमी तट एवं भारत गणराज्य के प्रायद्वीप जलक्षेत्र से ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रमण्डल के उत्तरी तट तक विस्तृत है। इस क्षेत्र में विश्व समुद्र का ६५% एवं विश्व भूभाग का २५% क्षेत्र है।[1]

यह शब्द विशेष रूप से समुद्री जीवविज्ञान ,मत्स्यविज्ञान एवं अन्य समक्षेत्रों में उपयोगी है, क्योंकि कई समुद्री आवास मेडागास्कर से जापान एवं ओशिनिया से लगातार जुड़े हुए हैं, एवं प्रजातियाँ उस सीमा पर होती हैं, किन्तु अटलाण्टिक महासागर में नहीं पाई जाती हैं ।

भारत-प्रशान्त क्षेत्र का विस्तार

यह क्षेत्र उच्च प्रजातियों से समृद्ध है, दुनिया की सबसे अधिक प्रजाति समृद्धि इसके मूँगा त्रिभुज में पाई जाती है[2][3], एवं इस क्षेत्र की सभी दिशाओं में प्रजातियों की समृद्धि में कमी का एक उल्लेखनीय ढाल है।[2] इस क्षेत्र में मछलियों की ३००० से अधिक प्रजातियां शामिल हैं, जबकि अगले सबसे समृद्ध समुद्री क्षेत्र, पश्चिमी अटलाण्टिक में लगभग १२०० एवं पश्चिमी अटलाण्टिक में लगभग ५० प्रजातियों की अपेक्षा में चट्टान  निर्माता मूँगों की लगभग ५०० प्रजातियाँ सम्मिलित हैं।[4]

यह शब्द पहली बार समुद्र विज्ञान और भू-राजनीति में साहित्यिक उपयोग में आया था । "भारत-प्रशान्त" अवधारणा वाइमर गणराज्य में प्रसारित हुई , एवं प्रथम एवं द्वितीय औपनिवेशिक महायुद्धों के मध्यान्तराल में जापान में फैल गई। जर्मन राजनीतिक समुद्र विज्ञानियों ने "यूरो-अमेरिका" के विरुद्ध जर्मन मित्रों के रूप में, एक "भारत-प्रशान्त" की कल्पना की, जिसमें उपनिवेशवाद विरोधी भारत और गणराज्यवादी चीन सम्मिलित थे। [5] सामान्यतः २००० के दशक के उत्तरार्ध एवं विशेषतया २०१० के दशक से[6], "भारत-प्रशान्त" शब्द का उपयोग भू-राजनीतिक प्रवचन में तीव्रता से किया गया है। इसका चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड) के साथ एक "सहजीवी सम्बद्धता" भी है, जो भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, एवं सं० रा० के बीच एक अनौपचारिक समूह है। यह तर्क दिया गया है कि अवधारणा लोकप्रिय "मानसिक मानचित्रों" में बदलाव ला सकती है कि दुनिया को रणनीतिक दृष्टि से कैसे समझा जाता है।

भारत-प्रशान्त क्षेत्र में विश्व की आधी से अधिक जनसँख्या रहती है एवं सम्पूर्ण भारत-प्रशान्त क्षेत्र की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था का दो-तिहाई हिस्सा है।[1] वैश्विक अग्निशक्ति सूचकाँक के अनुसार विश्व के सात सर्वाधिक शक्तिशाली देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, रूसी महासङ्घ, चीन जनवादी गणराज्य, भारत गणराज्य, जापान, दक्षिण कोरिया एवं फ़्रांसीसी गणराज्य) भारत-प्रशान्त क्षेत्र में प्रत्यक्षः हत्त्वपूर्ण हितधारक हैं।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. सं० रा० अमेरिका राष्ट्रपति कार्यालय, वाइट हाउस (11 February 2022). "संयुक्त राज्य अमेरिका की भारत-प्रशान्त रणनीति" (PDF). White House. अभिगमन तिथि 28 May 2022.
  2. "Indo-Pacific", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2022-05-24, अभिगमन तिथि 2022-05-28
  3. "Indo-Pacific", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2022-05-24, अभिगमन तिथि 2022-05-28
  4. "Indo-Pacific", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2022-05-24, अभिगमन तिथि 2022-05-28
  5. "Indo-Pacific", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2022-05-24, अभिगमन तिथि 2022-05-28
  6. "Indo-Pacific Region". CEOWORLD magazine (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-05-28.