भारत का प्रथम सौर-ऊर्जा चलित नौकायान
यह नौकायान भारत का प्रथम सौर-ऊर्जा चलित नौकायान[1][2][3][4] होने के साथ-साथ भारत का सबसे बडा सौर-ऊर्जा नौका भी है। [5] इस नौका का योजनाचित्र NavAlt के द्वारा तैयार किया गया और इसका निर्माण Navgathi के द्वारा कोच्ची (केरल, भारत) में किया गया है, जिसका परिचालन नवम्बर २०१६ से शुरू की जाएगी। [1] NavAlt एक अंतर-राष्ट्रीय कंपनी है जिसका निर्माण तीन कंपनियों Navgathi (भारत), Alternative Energies (फ्रांस) और EVE Systems (फ्रांस) के गठबंधन से हुआ है | मूल प्रोद्योगिकी तकनीकें तथा योजना-चित्र के साथ नौका निर्माण के लिए विशेषज्ञता, फ़्रांसीसी कंपनी द्वारा ही प्रदान की गयी है।
केरल जल परिवहन विभाग के विशिष्ठ दृष्टिकोण और नेतृत्व के अनुसार इस सौर-ऊर्जा चालित नौका-यान का निर्माण किया गया है। इस नौका की विशेषता यह है की इसके संचालन के लिए अन्य किसी भी ऊर्जा श्रोतों की आवश्यकता नहीं होगी।[6]
फेरी और क्रूज नाव
संपादित करेंयह नौका-यान अतिरिक्त ऊर्जा की उपयोगिता, विषम क्षमता तथा संचालन प्रणाली में क्रूज नौका से पूर्णतया भिन्न है। इसमें ऊर्जा उत्पादन के लिए बैट्री, बैट्री प्रबंधन प्रणाली, मोटर नियंत्रक तथा मोटर का उपयोग किया गया है। संचालन प्रणाली के लिए संयोजक, थ्रस्ट बेयरिंग, शाफ़्ट, स्टर्न-ट्यूब और प्रोपेलर का उपयोग किया गया है। आधुनिक तकनीकों से निर्मित यह नौका-यान क्रूज नौका की तुलना में अत्यधिक ऊर्जा उत्पादन कर विशिष्ठ संचालन प्रणाली प्रदान करती है जिसके कारण या नौका दिन के १२ घंटे और साल के ३६५ दिन बिना किसी अवरोध के चलने में सक्षम है, वहीँ क्रूज नौका दिन के ४-५ घंटे तथा साल के १५०-२५० दिन ही संचालित हो पति हैं।
तकनीकी व्याख्या
संपादित करें२० मीटर लंबी और ७ मीटर चौड़ी यह नौका-यान १४० वर्ग-मीटर की सौर पट्टिका से ढकीं हुई है जिसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता २० किलो-वाट है। उत्पादित ऊर्जा से २० किलो-वाट की दो बिजली की मोटर (प्रत्येक बेड़े में एक) प्रचालित की जाती है। यह नौका-यान दो जहाजी-बेड़ों में विभाजित होने के कारण ७.५ समुद्री मील की गति से चलने में सक्षम है। नौका के दोनों बेड़ों में ५० kWh की क्षमता वाली ७०० किलोग्राम की लिथियम-आयन बैट्री लगायी गयी है। इस नौका का योजना-चित्र Navgathi एवं AltEn के व्यापक और विशिष्ठ अनुभव से की गयी है तथा अभिकलनात्मक जटिलता द्रव गतिकी के उपयोग से इसकी जलगतिक विश्लेषण की गयी है। इस नौका नौका-यान की योजना-चित्र यात्री नौका के अनुरूप की गयी है जो की वाइकोम और तवनकादावु के बीच चलायी जाएगी।
जल-मार्ग से वाइकोम और तवनकादावु के बीच की दूरी २.५ किलोमीटर की है जो ५.५ समुद्री मील की गति (१० किमी/घंटे) से सिर्फ १५ मिनट में तय की जा सकती है जिसके लिए लगभग १६ किलो-वाट ऊर्जा की आवश्यकता होगी। संचालन के दौरान घाट(किनारा) छोड़ने और पहुँचने के समय लगभग २२ किलो-वाट ऊर्जा की आवश्यकता होगी। अतः यात्रा पूर्ण होने तक नौका की औसत ऊर्जा आवश्यकता लगभग २० किलो-वाट तक होगी। यदि यात्रियों के आगमन और प्रस्थान के दौरान घाट पर बीताये गए समय को छोड़ दिया जाए तो एक सामान्य दिन में यह नौका-यान कुल ५.५ घंटे तक लगातार चलित हो सकती है (ग्राहक के जरूरत अनुसार ) !
संचालन के दौरान अधिकतम २२ किलो-वाट और न्यूनतम १६ किलो-वाट की ऊर्जा खपत को ध्यान में रखकर कुल ४० किलो-वाट ( २० किलो-वाट की दो मोटर - प्रत्येक बेड़े में एक) की मोटर लगायी गयी है। प्रणाली की विफलता के मामले में अतिरेक सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जहाजी-बेड़े में लगायी गयी दोनों मोटर एक दूसरे पर निर्भर नहीं है। अगर संचालन दौरान किसी भी एक मोटर में खराबी आ जाए तो दूसरे मोटर का उपयोग कर किनारे पर सुरक्षित पंहुचा जा सकता है। डीजल इंजन के विपरीत, यदि किसी प्रकार से अतिरिक्त ऊर्जा खपत बढ़ जाए तो भी इसकी कार्यक्षमता में कोई कमी नहीं आएगी। सामान्य रूप से इलेक्ट्रिक मोटर ५० प्रतिशत लोड तथा आपात स्थिति में १०० प्रतिशत लोड पर सक्रिय किया जा सकता है।
ऊर्जा संतुलन
संपादित करेंइस नौका-यान को लगातार 5.5 घंटे संचालित करने के लिए कुल 110 kWh ऊर्जा की जरूरत है (औसतन 20 किलो-वाट बिजली) . 1 किलो-वाट की सौर पट्टिका प्रति दिन 4 किलो-वाट ऊर्जा का उत्पादन करती है,
Emission Reduction
संपादित करेंCompared to an efficient conventional boat (described above), this solar ferry saves 42,000 litres of diesel. This translates to savings of 112 tonnes of CO2 emission reduction (1 litre of diesel = 2.67 kg of CO2).[7]
Construction Images
संपादित करेंSome of the images of the boat in the final stages of construction.
See also
संपादित करें- Electric boat
- Solar Impulse, a solar powered airplane
- List of solar-powered boats
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "Kerala Govt. Commissions India's First Solar-Powered Boat, Paves the Way for a Greener Tomorrow" (अंग्रेज़ी में). 2016-05-11. मूल से 26 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-05-24. सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; ":2" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ TK, Sreeraj. "Kerala's Backwaters Will Soon Have India's First Solar Powered Boats" (अंग्रेज़ी में). मूल से 16 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-05-24.
- ↑ "Solar Today - India's first magazine dedicated to the emerging Solar industry". मूल से 22 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-07-03.
- ↑ "Solar-powered ferry to debut in sunlit Kerala". 2016-05-30. मूल से 4 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-07-03.
- ↑ "Kerala company builds country's largest solar ferry". मूल से 4 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-05-24.
- ↑ "Alappuzha backwaters to get India's first solar ferry". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). 2016-03-03. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2016-05-24.
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद) - ↑ "US Energy Information Administration". मूल से 27 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित.