भारत बिल भुगतान प्रणाली

भारत बिल भुगतान प्रणाली(अंग्रेज़ी-Bharat Bill Payment System, BBPS) भारत की एक समन्वित बिल भुगतान प्रणाली है जो ग्राहकों को एक सुविधाजनक तरीके से भिन्न भिन्न प्रकार के बिल, फीस आदि का भुगतान एक ही स्थान पर करने की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इस हेतु ग्राहक को एजेंट्स के नेटवर्क, विभिन्न प्रकार के भुगतान माध्यम तथा भुगतान की तुरंत पुष्टि की सुविधा मिल सकेगी। इस प्रणाली की स्थापना हेतु दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 नवंबर, 2014 को जारी किए।[1]

पृष्ठभूमि

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आरबीआई के कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन की अध्यक्षता में २०१३ में एक समिति का गठन किया गया जिसका उद्देश्य था जाईरो आधारित भुगतान प्रणाली के गठन की संभावनाओं का पता लगाना। इस समिति के अनुमान के अनुसार भारत के २० बड़े शहरों में ही प्रतिवर्ष रु. 622300 करोड़ मूल्य के 3080 करोड़ बिल आते हैं।[1]

इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि इस देश में एक समन्वित बिल भुगतान प्रणाली की आवश्यकता है।

२०१४ में आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर उमेश बेल्लूर की अध्यक्षता में जाईरो एडवाईज़री ग्रुप (जीएजी) का गठन किया गया जिसका उद्देश्य था एक एसे फ्रेमवर्क को परिभाषित करना जिससे कि समस्त भारत में फैले संपर्क-केंद्रो की स्थापना की जा सके जहाँ कि उपभोक्ता अपने बिल जमा करवा सकें। इसी के अनुसार भारत बिल भुगतान प्रणाली की ड्राफ्ट गाईडलाईन्स आरबीआई की वैबसाइट पर ७ अगस्त २०१४ को जनता के सुझावों हेतु रखी गईं तथा अंतिम दिशानिर्देश २८ नवंबर २०१४ को प्रकाशित किए गए।[1]

6 अगस्त 2022 को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रवासी भारतीयों के लिए BBPS सीमा पार आवक बिलिंग सुविधा की अनुमति दी। यह सुविधा 13 सितंबर 2022 से सक्रिय हो गई।छत्तीसगढ़ ज्ञान



  1. "Implementation of Bharat Bill Payment System (BBPS) - Guidelines". Reserve Bank of India. 28 November 2014. मूल से 6 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 November 2014.