अनीश्वरवाद और अज्ञेयवाद का भारत में लम्बा इतिहास है। बौध, जैन तथा हिन्दू धर्म के कुछ वर्ग अनीश्वरवाद को अपनी स्वीकृति प्रदान कर चुके हैं। [1] भारत ने कई उल्लेखनीय नास्तिक राजनेता और समाज-सेवक पैदा किए हैं। [2]

2012 के डब्ल्यू-आई-एन गैलल धर्म और अनीश्वरवाद रिपोर्ट के अनुसार, 81% धार्मिक हैं, 13% धार्मिक नहीं हैं। 3% आश्वस्त रूप से नास्तिक हैं जबकि 3% ने उत्तर नहीं दिया।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Chakravarti, Sitansu (1991). Hinduism, a way of life. Motilal Banarsidass Publ. पृ॰ 71. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-0899-7. अभिगमन तिथि 2011-04-09.
  2. Phil Zuckerman (21 December 2009). "Chapeter 7: Atheism and Secularity in India". Atheism and Secularity. ABC-CLIO. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-313-35182-2. मूल से 15 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 September 2013.
  3. "Global Index Of Religion And Atheism" (PDF). WIN-Gallup. मूल (PDF) से 16 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 September 2013.