भारत में जल का अभाव प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों कारणों से होती है। जल से सम्बन्धित प्रमुख मुद्दे ये हैं- संसाधनों का खराब प्रबन्धन, सरकार द्वारा ध्यान न देना, और मानव निर्मित अपशिष्ट। भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का १८ प्रतिशत लोग रहते हैं परन्तु विश्व के उपयोग लायक सम्पूर्ण जल स्रोतों में से केवल ४ प्रतिशत ही भारत में हैं। पिछले एक दशक के आधिकारिक आंकड़ों में दर्शाया गया है कि देश में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता बहुत कम हो गयी है और १६ करोड़ भारतीयों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है। नीति आयोग ने जून २०१८ की अपनी रिपोर्ट 'समग्र जल प्रबन्धन सूचकांक' जारी किया जिसमें बताया गया है कि २०२० तक दिल्ली तथा भारत के अन्य २१ नगरों का भूजल समाप्त हो जाएगा।[1]

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