भारत में परमाभिकलन (सुपरकंप्यूटिंग) का आरम्भ 1980 के दशक में हो चुका था। उस समय, भारत सरकार ने एक स्वदेशी विकास कार्यक्रम बनाया क्योंकि उन्हें विदेशी सुपर कंप्यूटर खरीदने में कठिनाई हो रही थी। सुपरकंप्यूटर सिस्टम की संख्या के आधार पर रैंकिंग करते समय, नवम्बर २०२० की सबसे तेज ५०० सुपरकम्प्यूटरों की सूची में भारत को विश्व में ८९वें स्थान पर रखा गया था। परम सिद्धि-एआई भारत में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर था। [1]

नवम्बर, २०२३ के आंकड़ों के अनुसार विश्व के ५०० सर्वाधिक क्षमता वाले सुपरकम्प्युटरों में भारत के ४ कम्प्यूटर सम्मिलित हैं- ऐरावत (AIRAWAT – PSAI), परम सिद्धि (PARAM Siddhi-AI), प्रत्यूष (Cray XC40), और मिहिर (Cray XC40) ।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन का प्रबंधन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है तथा इसका क्रियान्वयन प्रगत कंप्यूटिंग विकास केंद्र (सी-डैक), पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु द्वारा किया जा रहा है।

ये सुपरकंप्यूटर मौसम और जलवायु, कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स, बायोइनफॉरमैटिक्स और मैटेरियल साइंस जैसे डोमेन के लिए उपयोगी एप्लीकेशन से लैस हैं. ये सिस्टम मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग फ्रेमवर्क पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षमताएं प्रदान करते हैं, साथ ही क्लाउड सेवा के रूप में कंप्यूट और स्टोरेज भी प्रदान करते हैं।

राष्ट्रीय परमाभिकलन मिशन

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सन २०१५ में राष्ट्रीय परमाभिकलन मिशन का शुभारम्भ हुआ।

परम रुद्र

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सितम्बर २०२४ में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने परम रूद्र नामक तीन परम अभिकलित्र राष्ट्र को समर्पित किया। ये दिल्ली, कोलकाता और पुणे में स्थापित किये गये हैं। [2]

  1. "Indias AI supercomputer Param Siddhi 63rd among top 500 most powerful non-distributed computer systems in the world". Department of Science and Technology. अभिगमन तिथि 2020-12-08.
  2. पीएम मोदी ने 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटर राष्ट्र को किया समर्पित

इन्हें भी देखें

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