भारत यायावर
भारत यायावर (१९५४) हिन्दी के जाने माने साहित्यकार हैं। उनका जन्म आधुनिक झारखंड के हजारीबाग जिले में हुआ। शुरू से ही गरीबी में पले बढे भारत ने विलक्षण प्रतिभा पायी थी I चार भाई और दो बहनों के बीच भारत अपनी बड़ी बहन के सबसे करीब थे I इनका बड़ी बहन के प्रति सम्मान इनकी कविता मेरा झोला में दिखाई देता है I भारत का अपने आस पास के लोगो से भी बड़ा लगाव था, इन बातो का जिक्र इन्होने अपनी कविता पड़ियायिन मामा और लंगड़ू पांडे कडरू के बच्चा हुर्रे में किया हैI झेलते हुए (१९८०) और मैं यहाँ हूँ (१९८६) उनके चर्चित कविता संग्रह हैं। १९८८ में उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से अलंकृत किया गया। उन्होंने फणीश्वरनाथ रेणु की खोई हुई और दुर्लभ ८ पुस्तकों का संपादन किया है।[1]