किसी क्षेत्र की एक या कई भाषाओं के कार्य, संरचना एवं अर्जन को योजनाबद्ध ढँग से प्रभावित करना भाषा नियोजन (Language planning) कहलाता है। [1] प्राय यह कार्य सरकार द्वारा किया जाता है किन्तु अनेकों अ-सरकारी संस्थाएँ एवं व्यक्ति भी इसमें भाग लेते हैं।

प्रायः भाषा-नियोजन के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य आते हैं-

  • (1) कॉर्पस नियोजन (Corpus planning) -- नये शब्दों, अभिव्यक्तियों का सृजन, भाषा का मानक निर्माण (जैसे वर्तनी और व्याकरण), शब्दकोश निर्माण, भाषायी शुद्धता को प्रोत्साहन आदि।
  • (2) प्रतिष्‍ठा नियोजन (स्टैटस प्लानिंग) -- किसी भाषा को राजभाषा का दर्जा देना, पहले केवल बोली जाने वाली भाषा के लिये लिपि का विकास/निर्धारण आदि।
  • (3) अर्जन नियोजन (Acquisition planning) -- भाषा का शिक्षण, भाषा को सीखने और सिखाने को आसान बनाना आदि।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Kaplan B., Robert, and Richard B. Baldauf Jr. Language Planning from Practice to Theory. Clevedon: Multilingual Matters ltd., 1997

इन्हें भी देखें संपादित करें

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