भाषा शिक्षण
भाषा शिक्षण डॉ. रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक है।
परिचय
संपादित करेंभाषा शिक्षण के प्रथम संस्करण में भूमिका रूप में वर्णित अपने वक्तव्य में रवीन्द्रनाथ भाषा शिक्षण का परिचय देते हुए लिखते हैं कि- "भाषा शिक्षण के मूल में भाषा व्यवहार और भाषिक कौशल होते हैं स्वयं भाषा की अपनी संरचना या प्रकृति नहीं ।"[1]
विशेषताएँ
संपादित करेंइस पुस्तक में कुल पाँच खंड हैं। भाषा और भाषा शिक्षण : विविध संदर्भ इस पुस्तक का पहला खंड है। भाषा शिक्षण का मनोवैज्ञानिक और व्याकरणिक संदर्भ दूसरा खंड है। इसके तीसरे खंड का नाम भाषा शिक्षण : विधि और उपकरण है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसंदर्भ
संपादित करें- ↑ डॉ. रवीन्द्रनाथ, श्रीवास्तव (2016). भाषा शिक्षण. नयी दिल्ली: वाणी प्रकाशन. पृ॰ 10.