तिथि |
स्थान |
तीव्रता |
नुक्सान
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30 सितंबर 1993 |
लातूर, महाराष्ट्र, भारत |
6.4 |
कम से कम दस हज़ार लोगों की मौत हुई.
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17 जनवरी 1995 |
जापान |
7.2 |
जापान का आधा हिस्सा हिल गया और छह हज़ार से अधिक लोग मारे गए।
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4 फ़रवरी 1998 |
तखार प्रांत, अफ़गानिस्तान |
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साढ़े हज़ार मौतें हुई जबकि दो महीने बाद मई में फिर आए भूकंप में चार हज़ार लोग मारे गए।
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17 अगस्त 1999 |
तुर्की |
7.4 |
मरने वाले लोगों की संख्या थी 17,800 से अधिक.
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26 जनवरी 2001 |
भुज, गुजरात, भारत |
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क़रीब 20 हज़ार लोग मारे गए और इसका असर पाकिस्तान तक महसूस किया गया।
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26 दिसम्बर 2003 |
बाम, ईरान |
6.8 |
जिसमें 31 हज़ार से अधिक लोग मारे गए।
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26 दिसम्बर 2004 |
सुमात्रा, इंडोनेशिया |
9.1-9.3 |
पूरे एशियाई महाद्वीप में इस भूकंप के बाद आई सूनामी में मरने वालों की संख्या दो लाख से ऊपर मानी जाती है। इस भूंकप ने भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड और मालदीव को प्रभावित किया था।
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8 अक्टूबर 2005 |
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर |
7.6 |
मारे गए कम से कम 75 हज़ार लोग. इसी घटना में भारत प्रशासित कश्मीर में 1200 मौतें हुईं
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12 मई 2008 |
सिचुआन प्रांत, चीन |
7.8 |
70 हज़ार लोगों की मौत हुई
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