भूटान की संसद

भूटान के राज्य की विधान - सभा

भूटान की संसद का गठन भूटान के राजा ,राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय सभा से मिलकर होता है।इस संसद में में राष्ट्रीय परिषद उच्च सदन और राष्ट्रीय सभा निम्न सदन है। इस द्विसदनीय संसद का गठन वर्ष २००८ में हुआ। [1]

भूटान की संसद
རྒྱལ་ཡོངས་ཚོགས་ཁང་
gyelyong tshokhang
Coat of arms or logo
प्रकार
प्रकार
सदन राष्ट्रीय परिषद ,राष्ट्रीय सभा
नेतृत्व
Druk Gyalpo
जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक
दिसंबर 14, 2006
राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष
ल्योन्पो नंगई पेनजोर, निर्दलीय
राष्ट्रीय परिषद का चुनाव 2007-2008 (31/12/2007--29/01/2008)
राष्ट्रीय सभा के स्पीकर
जिग्मे जांगपो, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (भूटान) (PDP)
राष्ट्रीय परिषद का चुनाव 2013(02/08/ 2013
संरचना
सीटें 72
24 राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य
47 राष्ट्रीय सभा के सदस्य
राष्ट्रीय परिषद political groups
निर्दलीय (20)
नामित (5)
2013 National Assembly of Bhutan Seat Composition.svg
राष्ट्रीय सभा political groups
  पी डी पी (32)
  डी पी टी (15)
प्राधिकार अनुच्छेद 10, (भूटान के संविधान)
चुनाव
राष्ट्रीय परिषद पिछला चुनाव
31/12/2007--29/01.2008)
राष्ट्रीय सभा पिछला चुनाव
2013
बैठक स्थान
Gyelyong Tshokhang, थिम्फू
जालस्थल
National Council of Bhutan
National Assembly of Bhutan

संसद का गठन

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भूटान की संसद दो सदनीय है। पहला सदन राष्ट्रीय परिषद् जो संसद का उच्च सदन है और दूसरा राष्ट्रीय सभा जो संसद का निम्न सदन है।

राष्ट्रीय परिषद्

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भूटान की राष्ट्रीय परिषद् में 25 सदस्य हैं जिनमें 20 सदस्य भूटान के 20 जिलों से एक -एक सदस्य जनता द्वारा चुना जाता है। 5 सदस्य भूटान के राजा द्वारा नामित किये जाते हैं। यह नामित सदस्य चुनाव अधिनयम के अंतर्गत राजा नामांकित करते हैं। इस सदन की वर्ष में दो बैठकें निर्धारित हैं। सदस्यो द्वारा राष्ट्रीय परिषद् का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचित किया जाता है। यह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष किसी पार्टी से सम्बद्ध नहीं होने चाहिए।

राष्ट्रीय सभा

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यह भूटान की संसद का निम्न सदन है। इस सदन में अधिकतम ५५ सदस्य हो सकते हैं। इस सदन के सदस्यों का निर्वाचन जिलों के निर्वाचन क्षेत्रो के नागरिकों द्वारा चुनाव अधिनियम के अंतर्गत किया जाता है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रीय सभा के लिए एक सदस्य चुना जाता है। सदन के सदस्य राष्ट्रीय सभा के लिए एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का चयन करते है। यह अध्यक्ष और उपाध्यक्ष किसी भी राजनीतिक दल से सम्बद्ध हो सकते हैं। राजा बहुमत प्राप्त दल वाले नेता को मंत्रिमंडल बनाने की अनुमति देता है। राजा सदन में प्रधानमंत्री के बहुमत होने का परीक्षण भी करता है।एक बार चयनित प्रधानमंत्री केवल दो बार ही पद धारण कर सकता है। मंत्रिमंडल में अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राजा प्रधान मंत्री की सलाह से करता है।मंत्रिमंडल में वही व्यक्ति शामिल हो सकता है जिसका जन्म भूटान में हुआ हो। मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने वाले मंत्रियों के लिए यह शर्त होगी कि किसी भी जिले से दो से अधिक मंत्री न होने पाएं। [2]

संसद की शक्तियां

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राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय सभा संविधान के तहत प्रगणित मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की एक रूपरेखा के तहत कार्य करते हैं। राष्ट्रीय परिषद् अपने राष्ट्रीय परिषद् अधिनियम और राष्ट्रीय सभा अपने राष्ट्रीय सभा अधिनियम के अंतर्गत कार्य करते हैं। इन अधिनियमों में कोरम ,मतदान आदि की व्याख्या की गयी है।

विधायी शक्तियां

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इन सदनों में एक सदन द्वारा पास किया गया बिल दूसरे सदन में भी पास किया जाता है अर्थात राष्ट्रीय परिषद् से पास किया गया बिल बाद में राष्ट्रीय सभा में पास किया जाता है और यदि राष्ट्रीय सभा में पहले बिल पास होता है तो बाद में राष्ट्रीय परिषद् में बिल पास किया जायेगा। केवल वित्त विधेयक राष्ट्रीय सभा में पहले पास होना आवश्यक है।एक सदन से पास किया गया बिल ३० दिन के अंदर दूसरे सदन में पास होना आवश्यक है। किसी भी बिल को राजा द्वारा वीटो किया जा सकता है।

अन्य शक्तियां

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भूटान की संसद को विशेष अधिकार कि संसद के सदस्यों के ३/४ बहुमत से जिलों की सीमाओं तथा भूटान की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सम्बंधित बिल पास कर सकती है। संसद स्थानीय प्रशासन की देखरेख भी करती है। राष्ट्रीय सभा में सरकार के विरुद्ध १/३ सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है यदि मतदान में २/३ सदस्यों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाता है तो राजा सरकार को तुरंत भंग कर देता है।