भूत-प्रेत लोककथा और संस्कृति में अलौकिक प्राणी होते हैं जो किसी मृतक की आत्मा से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस किसी की मृत्यु से पहले कोई इच्छा पूर्ण नहीं हो पाती और वो पुनर्जन्म के लिये स्वर्ग या नरक नहीं जा पाते वो भूत बन जाते हैं। इसका कारण हिंसक मृत्यु हो सकती है, या मृतक के जीवन में अनिश्चित मामलों होते हैं या उनकी अंत्येष्टि उचित संस्कार से नहीं की गई होती हैं।

एक प्रसिद्ध जापान की भूत

भूत-प्रेत में विश्वास पीढ़ियों से भारत के लोगों के दिमाग में गहराई से जुड़ा हुआ है और यह आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक विकास के युग में अभी भी बना हुआ है।[1] भारत में कई कथित तौर पर भूत से पीड़ित स्थान हैं, जैसे कि जीर्ण इमारतें, शाही मकान, किले, बंगले, घाट आदि। कई फ़िल्मों का निर्माण इसपर किया जा चुका हैं। मुहावरें के रूप में भी इनका प्रयोग होता हैं, जैसे: भूत सवार होना, भूत उतारना, भूत लगना, आदि।

चित्र:Bhoot ghosts.png
भूत मनमनमें डरावना भय का प्रतीक

जब CH4 ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है, तो दहन को अंग्रेजी में दहन कहा जाता है। हमें मुख्य रूप से ईंधन और हवा की आवश्यकता होती है। जब मिथेन ऑक्सीजन के साथ जोड़ती है, तो आग बन जाती है। रात के समय बहुत अंधेरा रहाता हैं उस अभिक्रिया दरम्यान आग लगती हैं और लोग उसे भूत समझ बैठते हैं।[2][3]

इन्हें भी देखें

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  1. Wen, Tiffanie (2014-09-05). "Why Do People Believe in Ghosts?". The Atlantic (in अमेरिकी अंग्रेज़ी). Archived from the original on 11 अक्तूबर 2019. Retrieved 2019-11-21. {{cite web}}: Check date values in: |archive-date= (help)
  2. "भूत : सत्य की असत्य वैज्ञानिक दृष्टिकोन". Archived from the original on 8 जून 2020. Retrieved 2020-05-18.
  3. [1] Archived 2020-06-08 at the वेबैक मशीन