उन सभी कार्यों को भूसुदर्शनीकरण (Landscaping) कहते हैं जो किसी भू-क्षेत्र के दर्शनीयता को परिवर्तित करने में सहायक होते हैं। दर्शनीयता से सम्बन्धित अवयवों में शामिल हैं-

  • जीवित अवयव, जैसे जन्तु और वनस्पतियाँ (उद्यानिकी)
  • भू-स्वरूप, उँचाई, जलाशय आदि
  • घर, भवन, चारदीवारी
  • जलवायु एवं प्रकाश की स्थिति

भूसुदर्शनीकरण कला भी है और विज्ञान भी। इसके लिए अच्छा प्रेक्षण तथा डिजाइन कौशल आवश्यक है। एक कुशल भूसौन्दर्यकार वह है जो प्रकृति तथा संरचना के अवयवों को भलीभांति समझता है और उनका समुचित समिश्रण करके सौन्दर्य का सृजन करता है।