भूसूक्ष्मजैविकी

भूविज्ञान और सूक्ष्मजैविकी का मिश्रित अध्ययन

भूसूक्ष्मजैविकी (Geomicrobiology) भूविज्ञान और सूक्ष्मजैविकी के मिश्रित अध्ययन को कहते हैं। इसमें सूक्ष्मजीवों व सूक्ष्मजीवी प्रक्रियाओं तथा भूवैज्ञानिक व भूरसायनिक प्रक्रियाओं के आपसी प्रभावों को समझा जाता है। भूसूक्ष्मजैविकी का जलभरों और सार्वजनिक पीने के पानी के अन्य जलाशयों के सन्दर्भ में भारी महत्व है।[1][2][3]

इन्हें भी देखें

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  1. Canfield, D.E.; Kristensen, E.; Thamdrup, B. (2005). Aquatic geomicrobiology (Transferred to digital print ed.). London: Elsevier Acad. Press. ISBN 0121583406.
  2. Gray, C.J.; Engel, A.S. (2013). "Microbial diversity and impact on carbonate geochemistry across a changing geochemical gradient in a karst aquifer.". The ISME Journal. 7: 325–337.
  3. Konhauser, K. (2007). Introduction to geomicrobiology. Malden, MA: Blackwell Pub. ISBN 1444309021.