भोरघाट प्रायद्वीपीय भारत में स्थित पश्चिमी घाट श्रेणी के सह्याद्रि पर्वत का एक प्रमुख दर्रा है।[1][2] महाराष्ट्र राज्य में कर्जत और खंडाला के बीच स्थित इस दर्रे से होकर इससे होकर मुम्बई-पूना मार्ग गुजरता है जो मुम्बई को अन्य कई दक्षिण भारतीय नगरों से जोड़ता है। थाल घाट दर्रा भी महाराष्ट मे है

भोर घाट
भोर घाट से गुजरता मुंबई-पुणे ऍक्सप्रेसवे
ऊँचाई1800 ft
स्थानमहाराष्ट्र, भारत
पर्वतमालासहयाद्रि
निर्देशांक18°28′N 73°13′E / 18.46°N 73.22°E / 18.46; 73.22
भोर घाट is located in महाराष्ट्र
भोर घाट
भोर घाट

फरवरी 1781 में, बोरघाट पुणे में केंद्रित मराठा साम्राज्य और बॉम्बे में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच लड़ाई का स्थल था। अंग्रेजों ने पुणे पर कब्जा करने के लिए एक बड़ी ताकत भेजी, जिसे बोरघाट दर्रे से होकर गुजरना पड़ा, जहाँ उन्हें मराठा सेनाओं द्वारा रोक दिया गया। जो लड़ाई हुई, उसमें मराठों ने अंग्रेजों को करारी शिकस्त दिया, जिसे बोरघाट का युद्ध के रूप में जाना जाता है। बोरघाट का युद्ध पहला आंग्ल-मराठा युद्ध का हिस्सा था।[3]

  1. Adolf von Schlagintweit; Robert von Schlagintweit (1862). Results of a Scientific Mission to India and High Asia, Undertaken Between the Years MDCCLIV. and MDCCCLVIII. by Order of the Court of Directors of the Honorable East India Company. F. A. Brockhaus. पपृ॰ 205–.
  2. Harish Kapadia (1 March 2004). Trek the Sahyadris. Indus Publishing. पपृ॰ 16–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7387-151-1.
  3. Venkatesh Rangan (2020). The First Republic: The Untold True Story of the Imperial Karbhari Sarkar. Notion Press. पृ॰ 2777. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781648926600.