भोलानाथ तिवारी
डॉ० भोलानाथ तिवारी (४ नवम्बर १९२३ - २५ अक्टूबर १९८९) हिन्दी के कोशकार, भाषावैज्ञानिक एवं भाषाचिन्तक थे। हिन्दी के शब्दकोशीय और भाषा-वैज्ञानिक आयाम को समृद्ध और संपूर्ण करने का सर्वाधिक श्रेय डॉ॰ तिवारी को मिलता है।
जीवन परिचय
संपादित करेंकोशकार, भाषावैज्ञानिक एवं भाषाचिन्तक भोलानाथ तिवारी का जन्म 4 नवम्बर, 1923 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के हुसैनपुर नामक गाँव में हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा पहले आरीपुर गाँव, फिर गाजीपुर में हुई। आगे की पढ़ाई इलाहाबाद के इविंग क्रिश्चियन कॉलेज में हुई। माध्यमिक स्कूल के दौरान ही वे भारत के स्वाधीनता-संघर्ष में सक्रिय रूप से शामिल हुए। 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद राजनीति छोड़ दी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से अध्यापन की शुरुआत की। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग में लम्बे समय तक अध्यापन किया। 1962-64 तक सोवियत संघ के ताशकंद विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे।
कृतियाँ
संपादित करेंउन्होने लगभग अट्ठासी ग्रन्थ प्रकाशित किये। भाषा-विज्ञान, हिंदी भाषा की संरचना, अनुवाद के सिद्धांत और प्रयोग, शैली-विज्ञान, कोश-विज्ञान, कोश रचना, और साहित्य-समालोचन जैसे ज्ञान-गंभीर और श्रमसाध्य विषयों पर एक से बढ़कर एक प्रायः 88 ग्रंथ-रत्नों का सृजन कर उन्होंने कृतित्व का कीर्तिमान स्थापित किया।उनके द्वारा रचित प्रमुख ग्रन्थ ये हैं-
- भाषाविज्ञान,
- हिन्दी भाषा की संरचना,
- अनुवाद के सिद्धान्त और प्रयोग,
- कोश-रचना,
- साहित्य समालोचन ,
- सम्पूर्ण अंग्रेज़ी-हिन्दी शब्दकोश,
- वृहत् हिन्दी लोकोक्ति कोश,
- अनुवाद कला,
- अनुवाद-विज्ञान,
- बैंकों में अनुवाद की समस्याएँ,
- कार्यालयी अनुवाद की समस्याएँ,
- अनुवाद की व्यावहारिक समस्याएँ,
- काव्यानुवाद की समस्याएँ,
- पारिभाषिक शब्दावली,
- पत्रकारिता में अनुवाद की समस्याएँ,
- वैज्ञानिक साहित्य के अनुवाद की समस्याएँ,
- हिन्दी वर्तनी की समस्याएँ,
- हिंदी ध्वनियाँ और उनका उच्चारण,
- मानक हिन्दी का स्वरूप,
- व्यावहारिक शैली विज्ञान,
- शैली विज्ञान,
- भाषा विज्ञान प्रवेश,
- भाषा विज्ञान प्रवेश एवं हिंदी भाषा,
- कोश विज्ञान,
- व्यावसायिक हिन्दी,
- अमीर खुसरो और उनका हिन्दी साहित्य।
सम्मान
संपादित करेंउत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान डॉ भोलानाथ तिवारी की स्मृति में "भोलानाथ तिवारी पुरस्कार" प्रदान करता है जिसमें चालीस हजार रूपये नकद तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाते हैं।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- हिन्दी भाषा की संरचना (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ भोलानाथ तिवारी)
- मानक हिन्दी का स्वरूप (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ भोलानाथ तिवारी)