मंगलकाव्य
मङ्गलकाव्य बांग्ला साहित्य के मध्ययुग में रचित एक विशेष प्रकार का धर्मविषयक आख्यान काव्य है।
सार संक्षेप
संपादित करेंमङ्गलकाव्य साधारणतः किसी हिन्दू देवता या देवी पर केन्द्रित होता है। ये देवी या देवता मूलतः बंगाल के स्थानीय देवी-देवता थे (जैसे, मनसा)। इस कारण इनका वेद पुराण आदि ग्रन्थों में उल्लेख नहीं मिलता।
रचनापद्धति
संपादित करेंमङ्गलकाव्य ४ भागों में रचे गए हैं - वन्दना, कारण, देवखण्ड तथा नरखण्ड।