मंजरी चतुर्वेदी
मंजरी चतुर्वेदी (जन्म ९ दिसंबर, १९७४) भारत के एक लोकप्रिय सूफी कथक नर्तक है। वह लखनऊ घराना से संबंधित रखती है। वह भारतीय शास्त्रीय नृत्य का एक नया कला बनाने के लिए जानी जाती है जो सूफी कथक हैं।[1]
मंजरी चतुर्वेदी | |
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पृष्ठभूमि | |
जन्म | 9 दिसम्बर १९७४ उत्तर प्रदेश |
मूलस्थान | भारत |
विधायें | हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत |
पेशा | शास्त्रीय नृत्य |
वेबसाइट | http://www.manjarisufikathak.com/ |
जीवनी
संपादित करेंचतुर्वेदी का जन्म ९ दिसंबर, १९७४ लखनऊ में हुआ था। उन के पिता एक [[भूविज्ञानी थे। उन्होंने अर्जुन मिश्रा के मार्गदर्शन में कथक की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने प्रोतिमा बेदी के नृत्यग्राम में कलानिधि नारायण के तहत अभिनय का भी अध्ययन किया है।[2] उन्होंने पंजाबी सूफी परंपराओं में बाबा बुलेह शाह के योगदान का बारीकी से अध्ययन किया।
उन्होंने अपनी नृत्य की शुरुवात कथक नर्तक से की। उन्होंने राजस्थान, कश्मीर, अवध, पंजाब, तुर्कमेनिस्तान, ईरान और क्रिजिस्तान संगीत पर भी नृत्य प्रदर्शन किया।[3]
उन्होंने ताज महल और सिडनी ओपेरा हाउस में प्रदर्शन किया है। उन्होंने विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित एक सूफी संगीत वीडियो में काम किया जो गुलजार द्वारा लिखा गया। सभी कव्वाली गाने अमीर खुसरो के सूफी सिद्धांतों पर आधारित हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ http://usr.underscorerecords.info/artists/details.php?art_id=17[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "بسم الله الرحمن الرحيم Sufi News and Sufism World Report: April 2007". Sufinews.blogspot.com. मूल से 7 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-01-29.
- ↑ "Friday Review Thiruvananthapuram / Dance : An evening of Sufi Kathak". The Hindu. 2007-03-16. मूल से 3 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2012-01-29.