मंदार देवस्थली एक भारतीय टीवी धारावाहिक निदेशक-लेखक हैं जो मुख्यतः मराठी उद्योग में काम कर रहे हैं। उन्होंने २०११ में कुछ तो लोग कहेंगे के साथ पहली हिन्दी धारावाहिक का निदेशन किया, जो सोनी टीवी पे पेश होती थी।[1]

मंदार देवस्थली ने अपने कार्य कि शुरुवात १९९० में की जब उन्होंने बाबा सावंत के साहाय्यक निदेशन का काम किया दूरदर्शन चैनल की मराठी धारावाहिक दिनमान और सत्यवती में। सावंत के साथ उन्होंने राजा राजे और मला नाही जमायचं मे भी निदेशन का काम किया।[2]

  • १९९० - दिनमान - दूरदर्शन (मराठी धारावाहिक)[2]
  • १९९० - सत्यवती - दूरदर्शन (मराठी धारावाहिक)[2]
  • राजा राजे - (मराठी धारावाहिक)[2]
  • मला नाही जमायचं - (मराठी धारावाहिक)[2]
  • आभाळमाया - ज़ी मराठी (मराठी धारावाहिक)[1]
  • वादळवाट - ज़ी मराठी (मराठी धारावाहिक)[1]
  • कालाय तस्मै नम: - (मराठी धारावाहिक)[1]
  • झुंज - (मराठी धारावाहिक)[1]
  • मायलेक - (मराठी धारावाहिक)[1]
  • वसुधा - (मराठी धारावाहिक)[1]
  • आपली माणसं - (मराठी धारावाहिक)[1]
  • अवघाचि संसार - ज़ी मराठी (मराठी धारावाहिक)[1]
  • २०११-१३ - कुछ तो लोग कहेंगे - सोनी टीवी (हिन्दी धारावाहिक)[1]
  • २०१३-१६ - होणार सून मी ह्या घरची - ज़ी मराठी (मराठी धारावाहिक)[2]
  1. "मराठी मंदार देवस्थळीची हिंदी झेप" [मराठी मंदार देवस्थली की हिन्दी छलांग]. जी न्यूज (मराठी में). २१ अक्टूबर २०११. अभिगमन तिथि १२ जून २०१७.
  2. चैताली जोशी (२७ मार्च २०१५). "मुलाखत : स्पर्धा महत्त्वाची नाहीच…" [भेंटवार्ता: प्रतियोगिता महत्वपूर्ण कभी नहीं॰॰॰]. लोकसत्ता (मराठी में). अभिगमन तिथि १२ जून २०१७.