मत्ती सुसमाचार, मत्ती रचित सुसमाचार या मत्ती का सुसमाचार (यूनानी-Κατὰ Ματθαῖον/Μαθθαῖον Εὐαγγέλιον, अंग्रेजी-Gospel of Matthew), बाइबिल के नए नियम की पहली पुस्तक है और तीन समसामयिक सुसमाचारों में से एक है। यह बताता है कि कैसे इज़राइल के मसीहा, यीशु, अपने लोगों के पास आते हैं और शिष्यों का एक समुदाय बनाते हैं, कैसे उन्होंने लोगों को पर्वत पर उपदेश जैसी घटनाओं और बीटिट्यूड्स (परमगति) के माध्यम से सिखाया, और कैसे इज़राइल विभाजित हो जाता है और फिर कैसे यीशु इस शत्रुतापूर्ण इज़राइल की निंदा करते हैं। यह सब मंदिर से उनके प्रस्थान और उनके निष्पादन में जाकर खत्म होता है। इस समय, बहुत से लोग यीशु को अस्वीकार कर रहे होते हैं, और उनके पुनरुत्थान पर वह अपने चेलों को गैर-यहुदियों के पास भेजते हैं।

संत मत्ती और देवदूत को दर्शाती एक चित्रकारी

मत्ती, बाइबिल धार्मिक ग्रंथावली के नये नियम की पहली पुस्तक है। यह मध्य के होते हुए भी इस पुस्तक में ईसा मसीह के मुख्य मुख्य चमत्कार, काम, जन्म से लेकर स्वर्ग सिधारने तक के विवरण तथा वंश के वारेमे लिखे जाने की वजह से यह पहली पुस्तक है। इस पुस्तक मे कूल 28 अध्याय है। यह येशु के एक चेला द्वारा लिखित पुस्तक है। लेखक कर लेने वाले हाकिम थे जिसका नाम मतियोस यानी मत्ती था। मत्ती 9:9 और मत्ती 10:2-4 [1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2018.

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