मत-परीक्षा-शिक्षा ( शाब्दिक अर्थ : "मतपरीक्षा के लेखक के लिए शिक्षा") सोमनाथ द्वारा 1839 में लिखा गया संस्कृत भाषा का एक ग्रंथ है। सोमनाथ, सुबाजी बापू का छद्म नाम है। यह ग्रन्थ ईसाई लेखक जॉन मुइर की मतपरीक्षा के प्रत्युत्तर में लिखा गया था। मतपरीक्षा में हिन्दू धर्म की आलोचना और ईसाई धर्म को अच्छ बताया गया था।