मधुकर वासुदेव धोंड
साहित्यिक और कला समीक्षक
मधुकर वासुदेव धोंड (४ अक्टूबर १९१४ - ५ दिसम्बर २००७; वांद्रे, मुंबई, महाराष्ट्र) मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार (समीक्षक) थे। इनके द्वारा रचित एक समालोचना ज्ञानेश्वरीतील लौकिक सृष्टि के लिये उन्हें सन् 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
मधुकर वासुदेव धोंड | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | मराठी भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | समालोचना |
उल्लेखनीय कामs | ज्ञानेश्वरीतील लौकिक सृष्टि |
प्रकाशित साहित्य
संपादित करें- ऐसा विटेवर देव कोठे
- तरीही येतो वास फुलांना
- काव्याची भूषणे
- चंद्र चवथिचा
- जाळ्यातील चंद्र
- मऱ्हाटी लावणी (समीक्षा)
- ज्ञानेश्वरीतील लौकिक सृष्टी (साहित्य अकादमी पारितोषिक, सन् १९९७)
- ज्ञानेश्वरी : स्वरूप, तत्त्वज्ञान आणि काव्य (साहित्य और समीक्षा)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
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