मधुशाला लता (वैज्ञानिक नाम: Lonicera, लोनीसेरा) एक सुगंधित फूलों वाली लता है जो अपनी मीठी खुशबू और रंग-बिरंगे फूलों के लिए जानी जाती है। यह लता दुनिया भर के बगीचों में एक लोकप्रिय सजावटी पौधे के रूप में जानी जाती है। इनके फूलों का रंग आमतौर पर सफेद, पीला, नारंगी और लाल होता है। इस लता के फूल मधुमक्खियों, तितलियों और पतंगों जैसे परागणकों को आकर्षित करते हैं।

मधुशाला लता ((Lonicera japonica))

सामान्य नाम/अंतरराष्ट्रीय नाम

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मधुशाला लता को पश्चिमी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 'Honeysuckle' (हनीसकल) के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी शब्द 'हनीसकल' का अर्थ है: 'मधु चूसना', जो फूलों का रस चूसने वाले कीड़ों के कार्य को संदर्भित करता है।

वैज्ञानिक नाम

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वैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार, मधुशाला लता जाति से संबंधित पौधों का वैज्ञानिक नाम है "Lonicera" (लोनीसेरा)। 'लोनीसेरा' जाति का नाम 16वीं सदी के जर्मन वनस्पति-विज्ञानी एडम लोनिट्ज़र के नाम पर रखा गया है।

हिन्दी नाम: मधुशाला लता

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Lonicera (लोनीसेरा) वंश से संबंधित Honeysuckle (हनीसकल) बेलों के पौधों का हिन्दी नाम "मधुशाला लता" है। हिंदी में हनीसकल के लिए "मधुशाला लता" नाम "मधु" से आया है, जिसका अर्थ है "फूलों का रस" और "शाला", जिसका अर्थ है "स्थान", जिसे एक साथ "फूलों के रस सा भरा स्थान"। "मधुशाला" का एक अर्थ मदिरालय भी होती है। यह नाम फूल की मादक मीठी खुशबू को दर्शाता है जो परागणकों को आकर्षित करता है, ठीक उसी तरह जैसे मधुशाला मदिरा-प्रेमिकों को आकर्षित करती है। यह नाम हरिवंश राय बच्चन के काव्यग्रंथ "मधुशाला" की भी याद दिलाती है। इसलिए इसे यह नाम दिया गया है।

पौधे का विवरण

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प्रकार: लता।

ऊंचाई: 10 मीटर तक पहुंच सकती है।

रंग में विभिन्नता: सफेद, पीला, नारंगी और लाल।

पंखुड़ियाँ: दंड के आकार की। खिलना: गर्मी के मौसम में खिलता है।

परागणकर्ता: मधुमक्खियाँ, तितलियाँ और पतंगे।

आकृति: आमतौर पर गोल या लम्बा।

आकार: 5 से 10 सेमी लंबा।

रंग: गहरा हरा.


रंग : लाल या काला।

आंतरिक भाग: इसमें बीज होते हैं।

खाने योग्य: नहीं, मनुष्यों के लिए अखाद्य।

प्राकृतिक वितरण

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हनीसकल या मधुशाला लता यूरोप, एशिया, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है। यह बेल विभिन्न प्रकार के वातावरण में बड़ी हो सकती है और बगीचे की दीवारों को ढक सकती है। इसके सुगंधित फूल प्राकृतिक परागणकों के लिए आकर्षक होते हैं और इसके फल पक्षियों द्वारा खाए जाते हैं।