ऐसे रासायनिक पदार्थ या भेषज जो मुख्यत: केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र पर क्रिया करके मस्तिष्क की क्रियापद्धति को बदल देते हैं, मनोसक्रीय भेषज (psychoactive drug) कहे जाते हैं। इनके सेवन के बाद मूड, सोच, चेतना एवं व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलता है। इन पदार्थों को आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिये, अपनी चेतना के स्तर को बढ़ाने के लिये, दिमाग बढ़ाने के लिये, या दवा के रूप में लिया जाता है। तम्बाकू, शराब, अफीम, हेरोइन आदि कुछ मनोसक्रीय भेषज हैं।[1][2]

कुछ मनोसक्रिय औषधियाँ
  • दर्द के प्रबन्धन के लिए
  • निश्चेतक (Anesthesia) के रूप में
  • मनोचिकित्सा के लिए दवा के रूप में
  • मनोरंजन के लिए
  • सैनिक उपयोग के लिए

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. Richard J. Miller (2014). Drugged: the science and culture behind psychotropic drugs. Oxford University Press. ISBN 978-0-19-995797-2.
  2. H.P., Rang; M.M, Dale; J.M., Ritter; R.J., Flower; G., Henderson (2011). "What is Pharmacology". Rang & Dale's pharmacology (7 संस्करण). Edinburgh: Churchill Livingstone. पृ॰ 1. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7020-3471-8. a drug can be defined as a chemical substance of known structure, other than a nutrient of an essential dietary ingredient, which, when administered to a living organism, produces a biological effect