मनसुखलाल 'नज़र' गुजराती मूल के भारतीय थे जो दक्षिण अफ़्रीका में महात्मा गांधी के सहयोगी रहे । उनके ही संपादन में गांधी जी ने प्रसिद्ध समाचार-पत्र 'इंडियन ओपीनियन' निकाला था । यह पत्र मुख्यतः दक्षिण अफ़्रीका की गोरी ब्रिटिश सरकार की अन्यायपूर्ण नीतियों तथा वहाँ रह रहे भारतीयों की दशा को प्रकट करने वाला था । जाॅन रस्किन की प्रसिद्ध पुस्तक 'अन टू दिस लास्ट' का गुजराती-हिंदी अनुवाद गांधी जी ने इसी पत्र में क्रमशः प्रकाशित किया था ।