मन पवन की नौका कुबेरनाथ राय का निबन्ध-संग्रह है। इसमें भारत तथा सुवर्णभूमि एवं सुवर्णद्वीप के सांस्कृतिक सम्बन्धों का विवरण मिलता है। इसमें वृहत्तर भारत का विवरण भी मिलता है।[1] यह साहित्यिक रचना द्वीपान्तर भारत ;दक्षिण-पूर्व एशियाद्ध का सांस्कृतिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करती है। इसमें उन्होंने इस क्षेत्र की नृजातीय संरचना- ‘चाम्’ ‘मान्-ख्मेर’- एवं सांस्कृतिक संरचना में भारतीय तत्त्वों की उपस्थिति की तलाश की है। कुबेरनाथ राय इसे नृजातीय एवं अन्य तत्त्वों की दृष्टि से सांस्कृतिक भारत का ही एक अंग मानते हैं।[2] (पुनः प्रकाशन प्रतिश्रुति प्रकाशन, कोलकाता)

  1. कुबरेनाथ राय (२००८). "मराल". भारतीय ज्ञानपीठ. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-263-1621-2. मूल से 18 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 फ़रवरी 2014.
  2. राजीवरंजन(सं.) (2014). "कुबेरनाथ राय : परिचय और पहचान". आशिष प्रकाशन, कानपुर. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ९७८-८१-८९४५७-८९-१ |isbn= के मान की जाँच करें: invalid character (मदद).[मृत कड़ियाँ]