मरीज़, जन्म नाम अब्बास अब्दुल अली वासी (गुजराती: અબ્બાસ અબ્દુલઅલી વાસી, 22 फ़रवरी 1917 – 19 अक्टूबर 1983) गुजराती भाषा के कवि थे। वे मुख्तः अनकी ग़ज़लों के लिए जाने जाते हैं, सामान्य रूप से वे गुजरात के ग़ालिब को कहा जाता है।[1] उनके प्रारंभिक वर्षों में उसने अपनी पढ़ाइयाँ को छोड़कर जूते का कारख़ाना में काम करने लगे। कविता में रुचि रखते हुए, उसने पत्रकारिता में अपनी पढ़ाई प्रारंभ की थी। उनकी कविताएँ ने केवल उनकी मृत्यु के पश्चात प्रसिद्धि को प्राप्त की थी।[2]

  1. Chandrakant Bakshi (22 May 2015). "ગુજરાતના વિરાટ ઉદ્યાનનું અભિન્ન અંગ દાઉદી ગુલશન". Khabarchhe.com (गुजराती में). मूल से 13 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 June 2015.
  2. "કદમોથી પણ વિશેષ થકાવટ હતી 'મરીઝ' મંઝિલ ઉપરથી પાછા ફરેલી નિગાહમાં (છપ્પનવખારી)". Sandesh (गुजराती में). 18 February 2015. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 June 2015.