शरीर के बाहर बाह्य वातावारण में मलेरिया परजीवी के संवर्धन की क्रिया को मलेरिया कल्चर कहते हैं। प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम एक मात्र मलेरिया परजीवी है जिसका प्रयोगशाला में सफलता पूर्वक कल्चर किया गया है। सर्वप्रथम 1912 में इस परजीवी को शरीर के बाहर कल्चर करनें का प्रयास किया गया था।[1] 1976 यह सफलता पूर्वक किया गया।[2]

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  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर