पी. फैल्सीपैरम मलेरिया को आपातकालीन मामला माना जाता है तथा मरीज को पूर्णतया स्वस्थ होने तक चिकित्सकीय निगरानी मे रखना अनिवार्य माना जाता है। किंतु अन्य परजीवियों के संक्रमण वाले मरीजों का इलाज बहिरंग विभाग में भी किया जा सकता है। उचित इलाज होने पर मरीज सौ प्रतिशत सही हो जाने की आशा रख सकता है। बुखार जैसे लक्षणों का उपचार सामान्य दवाओं से किया जाता है, साथ ही मलेरिया-रोधी दवाएँ देना आवश्यक होता है। यद्यपि आज प्रभावी उपचार उपलब्ध है, मलेरिया पीड़ित क्षेत्रों में या तो मिलता नहीं हैं या इतना महंगा होता है कि आम मरीज की खरीद से बाहर होता है। 2002 में मेदसैं सां फ़्रांतिऐ (फ्रांसीसी: Médecins Sans Frontières) ने अनुमान लगाया था कि महामारी वाले क्षेत्र में एक मलेरिया पीड़ित का उपचार करने में प्रति खुराक 0.25 डालर से 2.40 डालर का खर्चा होता है।[1]

मलेरिया-रोधी दवाएँ

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वर्तमान में अनेक परिवारों की दवायें मलेरिया उपचार में प्रयोग की जाती हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से मलेरिया-रोधी दवाएँ (अंग्रेजी: antimalarials, एंटीमलेरियल्स) कहा जाता है। अनेक दवाएँ केवल प्रतिरोध या केवल उपचार के लिए इस्तेमाल होती हैं, जबकि अन्य कई दोनों तरह से प्रयोग में लाई जा सकती हैं। कुछ दवाएँ एक-दूसरे के प्रभाव को बढ़ाती हैं और इनका प्रयोग साथ में किया जाता है। दवा के चुनाव में सबसे प्रमुख कारक होता है उस क्षेत्र में मलेरिया परजीवी किन दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित कर चुका है।

कुनैन जैसी औषधियाँ

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कुनैन परिवार की क्लोरोक्वीन (अंग्रेजी: chloroquine) मलेरिया के लिये सबसे सस्ती तथा प्रभावी दवा मानी जाती रही है और इसका प्रयोग वर्षों तक बहुत किया गया। किंतु हाल में परजीवी इसके प्रति प्रतिरोधी हो गये हैं, खासकर पी. फैल्सीपैरम। ऐसे परजीवी कुनैन तथा एमोडियाक्वीन (अंग्रेजी: amodiaquine) के प्रति भी प्रतिरोध विकसित कर लेते हैं।[2] जिन क्षेत्रों में परजीवी अब भी क्लोरोक्वीन के प्रति संवेदनशील हैं, वहाँ इसे ही सबसे पहले इस्तेमाल किया जाता है। अन्य दवाओं में प्रिमाक्वीन (अंग्रेजी: primaquine), हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (अंग्रेजी: hydroxychloroquine), पैमाक्वीन (अंग्रेजी: pamaquine) और मेफ्लोक्वीन (अंग्रेजी: mefloquine) शामिल हैं। इनमें से कुनैन और प्रिमाक्वीन केवल उपचार में प्रयुक्त होती हैं (प्रिमाक्वीन केवल पी. विवैक्स और पी. ओवेल के विरुद्ध), जबकि क्लोरोक्वीन, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और मेफ्लोक्वीन को उपचार और निरोध दोनों के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

आर्टिमीसिनिन जैसी औषधियाँ

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आर्टिमीसिया एन्नुआ (अंग्रेजी:Artemisia annua) नामक पौधे में आर्टिमीसिनिन (अंग्रेजी: artemisinin) और इस जैसे अन्य यौगिक पाए जाते हैं। इस पौधे के अर्क से मलेरिया के उपचार में 90% सफलता मिलती है, किंतु इस यौगिक की आपूर्ति मांग के अनुसार नहीं है।[3] वर्ष 2001 से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आर्टिमीसिनिन-आधारित संयोजित उपचार (अंग्रेजी: artemesinin-based combination therapy, ACT) का प्रयोग करने की सलाह जारी की है, विशेषतया ऐसे क्षेत्रों में जहाँ पारम्परिक दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित हो गया है।[4] आज यह उपचार अनेक अफ्रीकी मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में पहली पंक्ति की उपचार औषधि बन गया है। किंतु ये दवाएं पुराने उपचार से करीब 20 गुणा मंहगी पड़ती हैं जिसके चलते वे अनेक मरीजों की पहुँच से बाहर रहती हैं। ये औषधियाँ कैसे काम करती हैं यह अभी तक भी स्पष्ट नहीं हो सका है, हालांकि मलेरिया परजीवी इनके विरूद्ध भी प्रतिरोध क्षमता हासिल कर सकता है। इस परिवार में शामिल हैं आर्टिमीसिनिन, आर्टिमीथर (अंग्रेजी: artemether), आर्टिसुनेट (अंग्रेजी: artesunate), आर्टिमिनोल (अंग्रेजी: arteminol) और आर्टिईथर (अंग्रेजी: arteether)। मलेरिया के इलाज के लिए डॉक्टर पहले लक्षण जानने के लिए रक्त की जांच व क्ष-रे (X-Ray) करने का सुझाव देते है। मलेरिया की जांच तीन तरीको से डॉक्टर करते है। सूक्ष्मदर्शी जांच, रैपिडंटीजन टेस्ट, मलेरिया आरटीएस, अगर टेस्ट में कुछ लक्षण नजर आया तो डॉक्टर कुछ दवाइयों का सुझाव देते है लेने के लिए जैसे: क़्वीनीन,मेफ्लोक़्वीन,डॉक्सीसाइक्लिन इत्यादि खुराक देते है।

अन्य औषधियाँ

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अन्य मलेरिया-रोधी औषधियों में शामिल हैं बाइग्वानाइड (अंग्रेजी: biguanide) समूह की प्रोग्वानिल (अंग्रेजी: proguanil) और साइक्लोग्वानिल (अंग्रेजी: cycloguanil), फोलेट-अवरोधी पाइरिमिथामाइन (अंग्रेजी: pyrimethamine), तथा हैलोफ़ैंट्रीन (अंग्रेजी: halofantrine) और ल्युमीफ़ैंट्रीन (अंग्रेजी: lumefantrine)। इनके अतिरिक्त एटोवाक्वोन (अंग्रेजी: atovaquone), डॉक्सीसाइक्लीन (अंग्रेजी: doxycycline) और सल्फ़ाडॉक्सीन (अंग्रेजी: sulphadoxine) जैसी दवाएँ अन्य बीमारियों के इलाज के साथ-साथ मलेरिया के इलाज में भी इस्तेमाल होती हैं।

औषधि संयोजन

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ऊपर दी गई औषधियों में से बहुत सी ऐसी हैं जो किसी अन्य औषधि के प्रभाव को बढ़ाती हैं और इसलिए इनका प्रयोग औषधि संयोजनों के रूप में ही किया जाता है। इनमें से प्रमुख हैं एटोवाक्वोन-प्रोग्वानिल (व्यापारिक नाम मैलरोन या Malarone, उपचार और निरोध दोनों के लिए), आर्टिमीथर-ल्युमीफ़ैंट्रीन (अन्य नाम को-आर्टिमीथर या co-artemether, केवल उपचार हेतु), आर्टिसुनेट-एमोडियाक्वीन (केवल उपचार हेतु), सल्फ़ाडॉक्सीन-पाइरिमिथामाइन (उपचार और निरोध दोनों के लिए) और आर्टिसुनेट-सल्फ़ाडॉक्सीन-पारिमिथामाइन (केवल उपचार हेतु)।

विकासशील औषधियाँ

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आजकल नई दवाएँ विकसित करना आसान हो गया है, क्योंकि पी फैल्सीपैरम को प्रयोगशाला में कल्चर कर लिया गया है।[5] इससे नई दवाओं को परखना बहुत आसान हो गया है। बेटा-रोधी (अंग्रेजी: beta-blocker, बेटा-ब्लॉकर) प्रॉप्रैनोलोल (अंग्रेजी: propranolol) हाल में बहुत चर्चा में है। यह परजीवी को लाल रक्त कोशिका मे प्रवेश करने से रोक देती है तथा परजीवी के प्रजनन को भी रोक देती है। फरवरी 2002 मे फ्रांसीसी तथा दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों के एक दल के अनुसंधान की रिपोर्ट साइंस पत्रिका में छपी थी। वे एक नयी दवा "जी25" की खोज का दावा कर रहे थे जो वानर रक्त में परजीवी को प्रजनित होने से रोक देती है।[6] 2005 में इसी दल ने एक नये तत्व "टीई3" की खोज प्रकाशित की जो जबानी लिया जा सकता है।[7] ये दवाएँ अभी तक बाजार में नहीं आयी हैं। इनके अतिरिक्त नयी दवाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं, जो मलेरिया परजीवी में मौजूद क्लोरोप्लास्ट के विरुद्ध काम करेंगी।[8]

नकली दवाएँ

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अनेक प्रभावित देशों मे बडे पैमाने पर नकली दवाओं का कारोबार होता है, जो अनेक मृत्युओं का कारण बनता है।[9] आजकल कम्पनियाँ नई तकनीकों का प्रयोग करके इस समस्या से निपटने का प्रयास कर रही हैं।

होम्योपैथिक उपचार

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होम्योपैथी में मलेरिया के उपचार के लिए मलेरिया ऑफ़िशिनलिस, मलेरिया नोसोड, चाइना सल्फ़ और नैट्रियम म्युरियाटिकम नामक औषधियाँ उपलब्ध हैं।[10][11] हालांकि अनेक चिकित्सकों का मानना है कि मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी का इलाज एलोपैथिक दवाओं से ही किया जाना चाहिये, क्योंकि ये वैज्ञानिक शोध पर आधारित हैं। होम्योपैथिक दवाएँ उपचार में कारगर हैं या नहीं, इस पर पर्याप्त वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। यहाँ तक कि ब्रिटिश होमियोपैथिक एसोसिएशन की सलाह यही है कि मलेरिया के उपचार के लिए होम्योपैथी पर निर्भर नहीं करना चाहिए।[12]

आयुर्वैदिक उपचार

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आयुर्वेद के सभी ग्रंथों में ज्वर के निदान और उपचार पर विस्तार से चर्चा की गई है। आधुनिक आयुर्वैदिक चिकित्सक मलेरिया को विषम ज्वर की तरह उपचार करते हैं।[13] मलेरिया के उपचार में प्रयुक्त औषधियाँ हैं- अफ्संथिन, आंवला, नीम, कुटकी एवं शिकाकाई। इन औषधियों के मेलजोल से बने अनेक चूर्ण, वटी इत्यादि उपलब्ध हैं।[14] इसके अतिरिक्त मरीज को हल्का खाना खाने, हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाने और दूध पीने के साथ-साथ ठंडी तासीर की वस्तुओं, मेवों और मसालेदार भोज-पदार्थों से परहेज रखने की सलाह दी जाती है।

  1. Medecins Sans Frontieres, "What is the Cost and Who Will Pay?[मृत कड़ियाँ]"
  2. Tinto H, Rwagacondo C, Karema C; एवं अन्य (2006). "In-vitro susceptibility of Plasmodium falciparum to monodesethylamodiaquine, dihydroartemsinin and quinine in an area of high chloroquine resistance in Rwanda". Trans R Soc Trop Med Hyg. 100 (6): 509–14. डीओआइ:10.1016/j.trstmh.2005.09.018. Explicit use of et al. in: |author= (मदद)सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  3. Senior K (2005). "Shortfall in front-line antimalarial drug likely in 2005". Lancet Infect Dis. 5 (2): 75. PMID 15702504.
  4. "WHO Malaria Treatment Guidelines 2006" (PDF). मूल से 14 अगस्त 2008 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 24 अगस्त 2008.
  5. Trager W, Jensen JB. (1976). "Human malaria parasites in continuous culture". Science. 193(4254): 673–5. PMID 781840. डीओआइ:10.1126/science.781840.
  6. "One step closer to conquering malaria". मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अगस्त 2008.
  7. Salom-Roig, X. et al. (2005) Dual molecules as new antimalarials Archived 2007-06-14 at the वेबैक मशीन. Combinatorial Chemistry & High Throughput Screening 8:49-62.
  8. Foth, Bernado (2003). "Dissecting Apicoplast Targeting in the Malaria Parasite Plasmodium falciparum". Science. 299 (5607): 705–708. PMID 12560551. डीओआइ:10.1126/science.1078599. मूल से 10 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  9. Newton PN, Green MD, Fernández FM, Day NPJ, White NJ. (2006). "Counterfeit anti-infective drugs". Lancet Infect Dis. 6 (9): 602–13. PMID 16931411. डीओआइ:10.1016/S1473-3099(06)70581-3.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  10. "Newsnight/Sense About Science Malaria & Homeopathy Sting - The Transcripts". Bad Science. मूल से 20 नवंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्तूबर 2008.
  11. {{cite web|url=http://www.a-r-h.org/Publications/Journal/sampleArts/Malaria%20Prophylaxis.pdf%7Ctitle=Silent{{Dead{{Dead{{Dead{{Dead{{Dead[मृत कड़ियाँ] link|date=जुलाई 2020 |bot=InternetArchiveBot }} link|date=जुलाई 2020 |bot=InternetArchiveBot }} link|date=जुलाई 2020 |bot=InternetArchiveBot }} link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} link|date=जून 2020 |bot=InternetArchiveBot }} and treatemnt and prophylaxis of malaria|author=Theresa Partington|date=2006
  12. The Faculty of Homeopathy. "Faculty advises against homeopathy for malaria prevention". British Homeopathic Association. मूल से 21 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्तूबर 2008.
  13. "Ayurvedic cure of malaria". मूल से 21 नवंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्तूबर 2008.
  14. "What is Malaria, Symptoms and Treatment". मूल से 14 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 अक्तूबर 2008.