मस्ती (2004 फ़िल्म)

2004 की इन्द्र कुमार की फ़िल्म

मस्ती 2004 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह इन्द्र कुमार द्वारा निर्देशित है और इसमें अजय देवगन, विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख, आफ़ताब शिवदासानी, लारा दत्ता, अमृता राव, तारा शर्मा और जेनेलिया डिसूज़ा ने अभिनय किया है।

मस्ती

मस्ती का पोस्टर
निर्देशक इन्द्र कुमार[1]
लेखक मिलाप जावेरी
निर्माता इन्द्र कुमार
अशोक ठकेरिया
अभिनेता अजय देवगन,
विवेक ओबेरॉय,
आफ़ताब शिवदासानी,
रितेश देशमुख,
अमृता राव,
तारा शर्मा,
लारा दत्ता,
जेनेलिया डिसूज़ा
संगीतकार आनन्द राज आनन्द
प्रदर्शन तिथियाँ
9 अप्रैल, 2004
देश भारत
भाषा हिन्दी

यह फ़िल्म 2004 में रिलीज़ हुई और इसे समीक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह बॉक्स ऑफ़िस पर भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही। इस फिल्म की दो अगली कड़ी बनी हैं, ग्रैंड मस्ती (2013) और ग्रेट ग्रैंड मस्ती (2016)।

मस्ती तीन कुंवारे लोगों, मीत (विवेक ओबेरॉय), प्रेम (आफ़ताब शिवदासानी) और अमर (रितेश देशमुख) के इर्द-गिर्द घूमती है। उनका जीवन तब तक लापरवाह रहता है जब तक कि उनमें से प्रत्येक की शादी नहीं हो जाती। अब वे कटु एवं असंतुष्ट पति नहीं बन चुके हैं। मीत की शादी आंचल (अमृता राव) से होती है जो अपने पति को लेकर जुनूनी है। प्रेम गीता (तारा शर्मा) से शादी करता है जो अत्यधिक धार्मिक है और इस प्रकार उनका यौन जीवन प्रभावित रहता है। अमर बिन्दिया (जेनेलिया डिसूज़ा) से शादी करता है जो अपने माँ जैसे आक्रामक और वर्कआउट की दीवानी है। तंग आकर, तीनों पुरुष एक दिन एकत्र होते हैं और अपने जीवन में मौज-मस्ती और उत्साह को फिर से लाने की योजना बनाते हैं। उनकी नजरें दूसरी लड़कियों पर टिकी रहती हैं लेकिन अंततः उन्हें एहसास होता है कि वे सभी एक ही लड़की मोनिका (लारा दत्ता) को के साथ घूम रहे हैं। वह तीनों को यह धमकी देकर ब्लैकमेल करती है कि अगर उन्होंने उसे 10 लाख रुपये नहीं दिए तो वह उनकी पत्नियों के सामने सारा मामला उजागर कर देगी।

पैसे इकट्ठा करने के बाद, वह भयभीत होकर पैसे देने जाते हैं। लेकिन वह मोनिका को उसकी कार में मृत पाते हैं। वे घबरा जाते हैं और दोष से बचने के लिए उसके शरीर को छिपाने की कोशिश करते हैं। लेकिन पुलिस अधिकारी सिकन्दर (अजय देवगन) द्वारा उन्हें रोका जाता है, जिसे उन पर संदेह है। आगे की जांच के लिए तीनों मोनिका के घर जाते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि सिकन्दर उनके पीछे-पीछे वहां आया है तो वे मोनिका के बरामदे में छिप जाते हैं। अगली सुबह, एक रहस्यमय आदमी उन्हें ढूंढता है और बताता है कि उसने मोनिका की हत्या की थी। अब वह अपराध को छुपाने के लिए फिरौती की मांग करता है। अपराध बोध से ग्रस्त पुरुष अपनी-अपनी पत्नियों के पास माफ़ी माँगने जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सच्चाई उजागर होनी ही है। अगले ही दिन, हत्यारा उन लोगों का पीछा करता है, जिसके परिणामस्वरूप गोलीबारी होती है। इसमें वे अनजाने में उस रहस्यमय व्यक्ति को मार देते हैं। बाद में, उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाता है। उनकी पत्नियाँ जेल पहुँचती हैं और पुरुष भावनात्मक रूप से सच्चाई प्रकट करते हैं। कुछ समय बाद वह खुलासा करती हैं कि पूरी स्थिति उनके द्वारा बनाया गया एक प्लान था - मोनिका जीवित है और 'हत्यारा' सिकन्दर खुद ही है। वह वास्तव में बिन्दिया का चचेरा भाई है। महिलाएं अपने पतियों को सबक सिखाना चाहती थीं। फिर पुरुष अपनी पत्नियों से माफ़ी मांगते हैं और वादा करते हैं कि वे फिर कभी "मस्ती" नहीं करेंगे।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत आनन्द राज आनन्द द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."एक कुँवारा फिर गया मारा"उदित नारायण, अभिजीत4:36
2."चोरी चोरी छोरा छोरी"शान, स्नेहा पंत5:16
3."दिल दे दिया है"आनन्द राज आनन्द6:06
4."चैन कुली की मैन कुली"उदित नारायण, शान4:50
5."सैयां जी बैंया छुड़ाके"गायत्री अय्यर, स्नेहा पंत, मेघना ओबेरॉय4:03
6."एक कुँवारा फिर गया मारा" (वाद्य संगीत)4:36
7."दिल दे दिया है" (वाद्य संगीत)6:04
  1. "Top Ki Flop: एडल्ट कॉमेडी का हुआ वो हाल कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोई हीरोइन, फिल्म मुश्किल से चली कुछ दिन". जी न्यूज़. Retrieved 18 सितम्बर 2023. {{cite news}}: Check date values in: |accessdate= (help)

बाहरी कड़ियाँ

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