महबूबा (1976 फ़िल्म)
महबूबा 1976 की हिन्दी फिल्म है। यह फिल्म शक्ति सामंत द्वारा निर्देशित है। फिल्म में राजेश खन्ना, हेमामालिनी और प्रेम चोपड़ा हैं। कहानी पुनर्जन्म विषय पर आधारित है। संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित है। इस फिल्म को मुख्य जोड़ी द्वारा शानदार अभिनय और लता मंगेशकर और किशोर कुमार द्वारा गाए गीत "मेरे नैना सावन भादों" और "परबत के पीछे" के लिए जाना जाता है।[1] कथानक गुलशन नन्दा के उपन्यास पर आधारित है और उन्होंने पटकथा भी स्वयं लिखी थी।
महबूबा | |
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महबूबा का पोस्टर | |
निर्देशक | शक्ति सामंत |
लेखक | गुलशन नन्दा |
निर्माता | मुशीर-रियाज़ |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, हेमामालिनी, प्रेम चोपड़ा नज़ीर हुसैन |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
19 जुलाई, 1976 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंगायक सूरज (राजेश खन्ना) को उसकी मंगेतर ने वीणा भेंट किया। इसके बाद, वह अक्सर रात में एक गाना सुनता है। एक दिन, स्टेज शो के लिए जाते समय, वह एक अज्ञात स्थान पर भारी बारिश में फंस जाता है। वह एक छोटे होटल में रहने के लिए जाता है, जहाँ उसकी मुलाकात रत्ना नाम की एक महिला से होती है। रात के दौरान, वह देखता है कि रत्ना वही गाना गाती है जो वह अक्सर रात में सुनता है। वह एक महल की ओर जाती है। वह उसका पीछा करता है। वह रत्ना को बाहर बुलाने की कोशिश करता है, लेकिन महल का रखवाला बताता है कि रत्ना की मृत्यु हुए सौ साल से अधिक हो गए हैं।
बाद में, रत्ना के एक चित्र से उसे उनका पिछला जीवन याद आ जाता है। पिछले जन्म में वह शाही दरबार का मुख्य गायक, प्रकाश था। उसे रत्ना (हेमामालिनी) से प्यार था, जो एक खूबसूरत और प्रतिभाशाली दरबारी थी। उन्हें प्यार हो जाता है, लेकिन दोनों को शादी करने में समस्या थी क्योंकि प्रकाश की बचपन में ही जमुना से शादी तय थी और रत्ना शादी नहीं कर सकती थी क्योंकि वह एक शाही तवायफ बनने वाली थी। आखिरकार, उन्होंने भागने का फैसला किया, लेकिन वे मारे गए और उन्होंने एक दूसरे से वादा किया कि वे फिर से मिलेंगे।
सूरज, होश में आने के बाद, अकेला और भ्रमित महसूस करता है। इसके तुरंत बाद, वह झुमरी से मिलता है जो बिल्कुल रत्ना की तरह दिखती है। जल्द ही वह झुमरी को अपने पिछले जीवन और प्रकाश के लिए उसकए प्यार को याद करवाता है। यह रीटा मल्होत्रा (आशा सचदेव), सूरज की मंगेतर और अप्पा (प्रेम चोपड़ा), जो झुमरी से शादी करना चाहता है; दोनों को क्रोधित करता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- राजेश खन्ना ― प्रकाश / सूरज
- हेमामालिनी ― रत्ना / झुमरी
- प्रेम चोपड़ा ― अप्पा
- असरानी ― सिन्हा
- आशा सचदेव ― रीटा मल्होत्रा
- सुजीत कुमार ― डा. विनोद
- मनमोहन कृष्णा ― बंदे अली ख़ान
- मदन पुरी ― सरदार
- नज़ीर हुसैन ― गुरुजी
- लीला मिश्रा ― झुमरी की माँ
- हरींद्रनाथ चट्टोपाध्याय ― रीटा के पिता
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "जमुना किनारे आ जा" | लता मंगेशकर | 5:06 |
2. | "चलो री चलो री" | लता मंगेशकर | 4:56 |
3. | "आपके शहर में आई हूँ" | लता मंगेशकर | 5:00 |
4. | "मेरे नैना सावन भादों" | किशोर कुमार | 5:30 |
5. | "मेरे नैना सावन भादों" (II) | लता मंगेशकर | 8:10 |
6. | "गोरी तोरी पैजनिया" | मन्ना डे | 5:58 |
7. | "जिसकी झील सी गहरी" | किशोर कुमार | 3:15 |
8. | "पर्बत के पीछे" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 3:55 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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हेमामालिनी | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |
प्रेम चोपड़ा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
गुलशन नन्दा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित | |
आर॰ डी॰ बर्मन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित | |
आनंद बख्शी ("मेरे नैना सावन भादों") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "पढ़ें, किशोर कुमार की कुछ अनसुने किस्से". नवोदय टाइम्स. 4 अगस्त 2017. मूल से 7 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 मई 2019.