महमूद प्रथम

उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान (1730 से 1754 तक)

महमूद प्रथम (उस्मानी तुर्कीयाई: محمود اول, तुर्कीयाई: I. Mahmud, 2 अगस्त 1696  – 13 दिसम्बर 1754) 1730 से 1754 तक उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान रहे।

महमूद प्रथम
محمود اول
इस्लाम के ख़लीफ़ा
अमीरुल मुमिनीन
उस्मानी साम्राज्य के सुल्तान
क़ैसर-ए-रूम (रोम के सम्राट)
ख़ादिम उल हरमैन अश्शरीफ़ैन
24वें उस्मानी सुल्तान (बादशाह)
शासनावधि20 सितम्बर 1730 – 13 दिसम्बर 1754
पूर्ववर्तीअहमद तृतीय
उत्तरवर्तीउस्मान तृतीय
जन्म2 अगस्त 1696
अदरना महल, अदरना, उस्मानिया
निधन13 दिसम्बर 1754(1754-12-13) (उम्र 58 वर्ष)
तोपकापी महल, क़ुस्तुंतुनिया, उस्मानिया
समाधि
नई मस्जिद, इस्तांबुल
पत्नियाँअलीजनाब क़ादन
महरेशाह क़ादन
वुस्लत क़ादन
ख़ातिमा क़ादन
वरदिनाज़ क़ादन
रामी क़ादन
पूरा नाम
महमूद बिन मुस्तफ़ा
शाही ख़ानदानउस्मानी
पितामुस्तफ़ा द्वितीय
मातासालिहा सुल्तान
धर्मसुन्नी इस्लाम
तुग़रामहमूद प्रथम محمود اول के हस्ताक्षर

मुग़ल साम्राज्य के साथ संबंध

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मुग़ल साम्राज्य पर नादिर शाह के विध्वंसकारक आक्रमण की वजह से, ईरान की पश्चिमी सरहद्दें काफ़ी असुरक्षित रह गईं थीं। सुल्तान महमूद प्रथम की अध्यक्षता में उस्मानी साम्राज्य ने ये असुरक्षित सरहद्दों का फ़ायदा उठाया और पूर्ण बल के साथ ईरान के उन पश्चिमी इलाक़ों पर हमला किया। ईरान पर उस्मानियों के इस अतिक्रमण के दौरान मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह ने उस्मानियों और उस्मानी राजदूत हाजी यूसुफ़ आग़ा को निरन्तर सहयोग दिया। 1748 में मुहम्मद शाह की मृत्यु तक दोनों साम्राज्यों के मध्य क़रीबी ताल्लुक़ात थे।[1]

टिप्पणियाँ

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  1. ^ 1741 में महमूद की पाँच पत्नियाँ थीं, और 1754 में उनकी छः पत्नियाँ थीं।[2] उनकी चार इक्बाल थीं, जो हक़ीक़त में काल्फ़ाएँ थीं - जो शाही ख़ानदान की सदस्याएँ नहीं बलकि महल की नौकरानियाँ थीं।[3][4]
  1. Farooqi, Naimur Rahman (1989). Mughal-Ottoman relations: a study of political & diplomatic relations between Mughal India and the Ottoman Empire, 1556-1748. Idarah-i Adabiyat-i Delli. ASIN: B0006ETWB8. See Google Books search Archived 2019-04-05 at the वेबैक मशीन.
  2. Uluçay 2011, पृ॰ 145 n. 1.
  3. Uluçay 2011, पृ॰ 145 n. 9.
  4. Peirce 1993, पृ॰ 319 n. 143.