महाकाश्यप (पालि: महाकस्सप) बुद्ध के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के बाद बौद्ध संघ की प्रथम संगीति के लिए सभापति के रूप में महाकाश्यप को चुना गया था। उन्हे बौद्ध धर्म के झेन सम्प्रदय का पहला प्रधान भी माना जाता है। वे भगवान बुद्ध के एकमात्र ऐसे शिष्य थे जिनके साथ भगवान बुद्ध ने वस्त्रों का आदान-प्रदान किया था। बुद्ध ने बहुत बार महाकाश्यप की बड़ाई भी की थी और महाकाश्यप को अपने बराबर का स्थान दिया था।

The elder Mahākāśyapa
Shaven monk in robes standing next to naked, shaved man
महाकाश्यप ने एक आजीविक से मिलकर परिनिर्वाण का ज्ञान प्राप्त किया। (गान्धार शैली की मूर्ति)
धर्म Buddhism
पाठशाला all, but most honored in Theravāda and Chan Buddhism
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ
राष्ट्रीयता Magadha
जन्म Pippali
ल. 603 BC or 520 BC (supposedly)
Mahātittha, Magadha (Present day India)
निधन ल. 460 BC or 380 BC
In Kukkuṭapāda Mountain, Magadha. According to many traditional accounts, still alive there
पद तैनाती
उत्तराधिकारी आनंद
धार्मिक जीवनकाल
गुरु गौतम बुद्ध
शिष्य Śroṇa-Koṭikarṇa; Bhadra-Kapilānī

महाकाश्यप कपिल और उन्की पत्नी सुमनदेवी के पुत्र के रूप में मगध में पैदा हुए। वे काफी धन दौलत सुख सुविधाओं के बीच बड़े हुए। उनके न चाहते हुए भी उनका विवाह कर दिया गया। अपने माता पिता कि मृत्यु के बाद कुछ समय तक उन्होंने अपनी पत्नी के साथ अपने माता पिता के धन दौलत को सम्भाला, लेकिन कुछ समय बाद उन दोनो ने संन्यासी बनने का फैसला कर लिया। वे दोनो बुद्ध के अनुयायी बन गये।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Tournier 2014, पृ॰ 27.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें