महान शुद्धिकरण (अंग्रेज़ी: Great Purge), जिसे येझ़ोव​ राज (रूसी: ежовщина, येझ़ोवश्चीना) भी कहा जाता है, सोवियत संघ में सन् १९३७-३८ में सोवियत तानाशाह जोसेफ़ स्टालिन द्वारा आयोजित राजनैतिक दमन और हत्याओं का एक दौर था।[1] इसमें स्टालिन ने पूरे सोवियत समाज में बहुत से साम्यवादी (कोम्युनिस्ट) पार्टी कार्यकर्ताओं, सरकारी नौकरों, किसानों, लाल सेना के सेनाध्यक्षों और अन्य कई असम्बंधित लोगों को पकड़कर मरवा डाला। अक्सर इनपर विश्वासघाती होने या गड़बड़ी करने का आरोप लगाया जाता था। साथ ही साथ पूरे सोवियत संघ में साधारण नागरिकों पर ज़बरदस्त पुलिस की निगरानी, हलके से शक़ पर भी लोगों को जेल, आम नागरिकों को एक-दूसरे पर नज़र रखने के लिए उकसाने और मनमानी ढंग से लोगों को मार डालने जैसी कार्यवाईयाँ भी चलती रहीं।[2] उस ज़माने में सोवियत ख़ुफ़िया पुलिस का अध्यक्ष निकोलाई येझ़ोव​ (Никола́й Ежо́в, Nikolai Yezhov, बिंदु-वाले 'झ़' के उच्चारण पर ध्यान दें) था, इसलिए इस काल को बाद के सोवियत और रूसी इतिहासकार 'येझ़ोव​ राज' के नाम से भी जानते हैं।

महान शुद्धिकरण के दौरान लोगों की हत्या के पश्चात मृत शरीर

हत्याओं की संख्या

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सोवियत दस्तावेज़ों के अनुसार १९३७-३८ के काल में ना॰को॰व॰दे॰ (Народный комиссариат внутренних дел, NKVD, सोवियत ख़ुफ़िया पुलिस) ने १५,४८,३६६ लोगों को गिरफ़्तार किया, जिनमें से ६,८१,६९२ को गोली मार के मौत के घाट उतारा गया। अर्थात प्रतिदिन १,००० लोगों की हत्या की गई।[3] बहुत से लोगों को गुलाग नामक सख़्त​ जेलों में भी रखा गया था और अक्सर यह लोग छूटने के बाद दम तोड़ दिया करते थे। एक अनुमान के अनुसार इन दो सालों में ९.५ लाख से १२ लाख लोगों की मृत्यु हुई।[4]

इन्हें भी देखें

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  1. Gellately, Robert (2007). Lenin, Stalin, and Hitler: The Age of Social Catastrophe. Knopf. ISBN 1-4000-4005-1.
  2. Figes, Orlando (2007). The Whisperers: Private Life in Stalin's Russia. London: Allen Lane. ISBN 978-0-7139-9702-6
  3. Communism: A History (Modern Library Chronicles) by Richard Pipes, pg 67
  4. Soviet Repression Statistics: Some Comments Archived 2019-05-25 at the वेबैक मशीन by Michael Ellman, 2002