महाभागवत पुराण जिसे देवी पुराण भी कहा जाता है, एक उपपुराण (लघु पुराण) है जिसका श्रेय परंपरागत रूप से ऋषि व्यास को दिया जाता है। दसवीं और ग्यारहवीं शताब्दी के बीच बंगाल में लिखी गई यह कृति शाक्त परंपरा से संबंधित है। इसमें मुख्य रूप से हिंदू धर्म की सर्वोच्च देवी, महादेवी और देवी सती, पार्वती, काली और गंगा के रूप में उनकी अभिव्यक्ति की किंवदंतियों का वर्णन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह कार्य तंत्र परंपरा से काफी प्रभावित है, जिसमें देवी-पूजा के तांत्रिक रूपों जैसे महाविद्याओं का वर्णन और उन्हें वेदांत विचारधारा के साथ एकीकृत करना शामिल है।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Foulston, Lynn (2009-07-03). Hindu Goddesses: Beliefs & Practices (अंग्रेज़ी में). Liverpool University Press. पृ॰ 64. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-80207-134-4.