महाराजा राम सिंह
राम सिंह (1873 – 1929) ब्रिटिश रियासत भरतपुर के महाराजा (1893–1900) थे। वो जशवन्त सिंह के उत्तराधिकारी थे।[1] उन्हें 10 अगस्त 1900 को अधिकारों से निलम्बित कर दिया गया और निर्वासन में आगरा भेज दिया गया। उनके इस निर्वासन का कारण व्यक्तिगत नौकर की हत्या था। उनके उत्तराधिकारी का किशन सिंह थे लेकिन निर्वासन के समय कम आयु होने के कारण 27 अगस्त 1900 से 28 नवम्बर 1918 तक उनकी (राम सिंह की) पत्नी महारानी गिरिराज कौर ने किशन सिंह के नाम पर शासन किया।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ मावजी, पुरुषोतम विश्राम (1911). (1911) Imperial durbar album of the Indian princes, chiefs and zamindars, Vol. I. (अंग्रेज़ी में). पृ॰ 41.
- ↑ बायले, सीएस (2004). Chiefs and leading families in Rajputana [राजपुताना के अग्रणी और मुख्य परिवार] (अंग्रेज़ी में). नई दिल्ली: एशियन एजुकेशन सर्विसेज. पृ॰ 92. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-206-1066-8.
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