महाशिवरात्रि पशु मेला करौली
करौली जिले में भरने वाला यह पशु मेला राज्य स्तरीय पशु मेलों में से एक है। इस पशु मेले का आयोजन प्रतिवर्ष [1] फाल्गुन कृष्णा में किया जाता है। महाशिवरात्रि के पर्व पर आयोजित होने से इस पशु मेले का नाम शिवरात्रि पशु मेला पड़ गया है। इस मेले के आयोजन का प्रारंभ रियासत काल में हुआ था। मेले में हरियाणवी नस्ल के पशुओं की बिक्री बहुत होती है। राजस्थान के [2]अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के व्यापारी भी इस मेले में आते हैं। पशु मेला समाप्त हो जाने के करीब १ सप्ताह बाद ]इसी स्थल पर माल मेला भरता है जिसमें करौली कस्बे के आस-पास के व्यापारी वर्ग अपनी दुकानें लगाते हैं और ग्राम ग्रामीण क्षेत्र के लोगों द्वारा इस मेले में आवश्यक वस्तुओं को खरीदा जाता है और चुना जाता है कि इस मेले में रियासत के समय जवाहरात की दुकानें भी लगाई जाती थीं।[3]
महाशिवरात्रि पशु मेला | |
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महाशिवरात्रि पशु मेला २०१२ का एक चित्र | |
आधिकारिक नाम | महाशिवरात्रि पशु मेला |
अनुयायी | हिन्दू |
प्रकार | धार्मिक |
आरम्भ | फाल्गुन कृष्णा |
इन्हें भी देखें
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संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ राजस्थान पत्रिका. "खो ना जाए शिवरात्रि पशु मेले की पहचान". राजस्थान पत्रिका. मूल से 26 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2017.
- ↑ भास्कर. "महाशिवरात्रि मेला 10 से, अब याद आए अतिक्रमण". दैनिक भास्कर. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2017.
- ↑ राजस्थान इंफॉर्मेशन. "राजस्थान प्रदेश के प्रमुख मेले - Rajasthan information". मूल से 21 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 सितम्बर 2017.