महिला आरक्षण विधेयक

(महिला आरक्षण बिल से अनुप्रेषित)

नारी शक्ति वंदन अधिनियम अथवा महिला आरक्षण विधेयक भारतीय संसद में प्रस्तुत किया गया वह विधेयक है जिसके पारित होने से संसद में महिलाओं की भागीदारी 33% सुनिश्चित हो जाएगी।[1] 1996 में महिला आरक्षण विधेयक की जांच करने वाली संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति देने के लिए संविधान में संशोधन होने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।[2]

महिला आरक्षण विधेयक
द्वारा अधिनियमित भारतीय संसद

19 सितंबर 2023 को, नरेंद्र मोदी सरकार ने नए संसद भवन में लोकसभा में संसद के विशेष सत्र के दौरान इस विधेयक को 128वें संवैधानिक संशोधन विधेयक, 2023[3] के रूप में पेश किया।[4][5] नारी शक्ति वंदन अधिनियम लोकसभा से पारित होने के बाद दोबारा राज्यसभा में जाएगा।[6][7]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Women's reservation Bill – imperfect but important".
  2. "Should there be sub-quota for OBC women? Debate rages".
  3. "Calling himself 'chosen one', PM Modi brings in women's Bill, with SC/ST quota".
  4. "Govt brings in women's reservation Bill: One-third of seats to be reserved, also in SC/ST quota".
  5. "Mallikarjun Kharge vs Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha over women's reservation bill remarks".
  6. "PM Modi urges Rajya Sabha MPs to unanimously approve women's reservation bill".
  7. "Rajya Sabha proceedings adjourned for day; House to meet on September 20".