मांसभक्षण का नीतिशास्त्र

खाद्य नैतिकता विषय

अधिकांश समाजों में, बहुमत में लोग मांस खाते हैं, जब उन्हें वह प्राप्त हो सकता हो, परन्तु मांसभक्षण के नीतिशास्त्र पर विवाद और बहस अब बढ़ती जा रही हैं। सबसे आम नीतिशास्त्रीय आपत्ति जो मांसभक्षण के ख़िलाफ़ दी जाती हैं, वह यह हैं कि विकसित विश्व में रह रहे अधिकांश लोगों के लिए यह उनके अस्तित्व या स्वास्थ्य हेतु आवश्यक नहीं है;[1] जानवरों का क़त्ल करना, केवल लोगों को मांस के स्वाद का मज़ा आता हैं इसलिए, ग़लत और अन्यायिक हैं, ऐसा कईयों के द्वारा कहा जाता हैं।[2][3]

मांस के अलग़-अलग़ प्रकार।

इन्हें भी देखें

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  1. American Dietetic Association (2009). "Position Paper of the American Dietatic Association: Vegetarian Diets" (PDF). Journal of the American Dietetic Association. 109 (7): 1266–1282. PMID 19562864. डीओआइ:10.1016/j.jada.2009.05.027. मूल (PDF) से 13 जनवरी 2011 को पुरालेखित.
  2. Harnad, Stevan (2013) Luxe, nécessité, souffrance: Pourquoi je ne suis pas carnivore Archived 2016-03-04 at the वेबैक मशीन. Québec humaniste 8(1): 10-13
  3. Desaulniers, Élise (30 May 2013). "I Am Ashamed to Have Been a Vegetarian for 50 Years". HuffPost Living. TheHuffingtonPost.com, Inc. मूल से 9 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 May 2014.

बाहरी कड़ियाँ

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