माइकल नबील सनद
माइकल नबील सनद (अरबी: [مايكل نبيل سند] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help),अंग्रेज़ी: Maikel Nabil Sanad; जन्म: 1 अक्टूबर 1985, असयुत,मिस्र) एक राजनीतिक कार्यकर्ता और ब्लॉगर है। उन्होंने 2009 में असिऊत विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा में अपनी स्नातक डिग्री प्राप्त की और संप्रति एरफ़र्ट विश्वविद्यालय, जर्मनी के अंतर्गत विली ब्रांट स्कूल में स्नात्त्कोत्तर कक्षा में अध्ययनरत हैं। वे मिस्र में उदार लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए जाना जाते हैं। साथ ही मिस्र और इसराइल के बीच शांतिपूर्ण संबंधों के पक्षधर है।[1][2]
माइकल नबील सनद | |
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जन्म |
1 अक्टूबर 1985 असयुत, मिस्र |
राष्ट्रीयता | मिस्र |
प्रसिद्धि का कारण | मिस्र में उदार लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने और "नो टू कम्प्ल्सरी मिलिटरी सर्विस" आंदोलन की स्थापना के लिए। |
धर्म | नास्तिकता। |
शांति सक्रियता और कारावास
संपादित करें9 अप्रैल 2009 को नाबिल ने "नो टू कम्प्ल्सरी मिलिटरी सर्विस" आंदोलन की स्थापना की। अक्टूबर 2010 में उन्होंने सैन्य सेवा से मुक्त रखे जाने की मांग करते हुए एक ब्लॉग पोस्ट लिखा था। उसके पश्चात सैन्य पुलिस ने 12 नवम्बर 2010 को उन्हे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अगले ही दिन रिहा कर दिया गया और अंतत: उन्हे चिकित्सा के आधार पर सेवा से मुक्त कर दिया गया। उन्होने सक्रिय रूप से मिस्र क्रांति में भाग लिया। 4 फ़रवरी 2011 को सैन्य पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर उनके ऊपर काफी अत्याचार किया, लेकिन 27 घंटे बाद उन्हे फिर रिहा कर दिया। 28 मार्च 2011 को सैना ने फिर से लगभग उन्हे उनके घर में गिरफ्तार कर लिया। 10 अप्रैल 2011 को सैन्य अदालत ने नबील को अपनी पोस्ट - "सेना और लोग एक हाथ कभी नहीं थे" में "सेना का अपमान" करने के आरोप में तीन साल के कारावास की सजा सुनाई। उन्हे सभ्य भोजन के उपयोग से इनकार कर दिया गया और कीट से लदी बिस्तर पर सोने और गंदे पानी में स्नान करने के लिए मजबूर किया गया। 23 अगस्त 2011 में उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी जिसके दौरान वे दो बार कोमा में गए और कई मौकों पर वे मौत के बेहद करीब देखे गए। 14 दिसम्बर 2011 में रिहा करने की अपील के बावजूद, मिस्र के सर्वोच्च सैन्य अदालत ने उनकी सजा कम कर के दो साल कर दी। सामाजिक मीडिया के माध्यम से घोषणा की गयी कि 29 दिसम्बर 2011 को तहरीर स्क्वायर में माइकल नबील के कारावास के खिलाफ प्रदर्शनी की जाएगी। आखिर में नबील को 23 जनवरी 2012 में सैन्य शासक परिषद ने रिहा कर दिया।[3][4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Maikel Nabil Sanad مايكل نبيل سند: About me". Maikelnabil.com. 2010-12-05. मूल से 4 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2014.
- ↑ Imprisoned Egyptian Blogger's Hunger Strike Fights Military Rule Archived 2012-03-03 at the वेबैक मशीन (13 अक्टूबर 2011)
- ↑ "I Would Not Serve in the Egyptian Military and I Bear the Consequences". Maikel Nabil Sanad. 21 अक्टूबर 2010. मूल से 5 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2014.
- ↑ "Maikel Nabil Sanad". Me Forum. मूल से 1 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मार्च 2014.