माइक्रोकंट्रोलर
माइक्रोकन्ट्रोलर (Microcontroller or MCU) एक आइ॰ सी॰ (एकीकृत परिपथ) है जिसमें पूरा कम्प्यूटर समाहित होता है; अर्थात् एक ही आई॰ सी॰ के अन्दर कम्प्यूटर के चारों भाग (इन्पुट, आउटपुट, सीपीयू और स्मृति या भण्डारण) निर्मित होते हैं।
वस्तुतः यह भी एक प्रकार का माइक्रोप्रोसेसर ही है किन्तु इसकी डिजाइन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि यह आत्मनिर्भर हो (किसी कार्य के लिये दूसरी आई॰ सी॰ की जरूरत कम से कम या नहीं हो); तथा सस्ता हो। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये प्रायः RAM व ROM भी अन्तःनिर्मित कर दिये जाते हैं जबकि माइक्रोप्रोसेसरों को काम में लाने के लिये RAM व ROM अलग से लगाना पडता है।
माइक्रोकन्ट्रोलरों की सामान्य विशेषताएं
संपादित करें- इनका अधिकतर उपयोग इम्बेडेड डिजाइनों में होता है।
- सस्ते होते हैं।
- बहुत अधिक मात्रा में उत्पादन और खपत होती है।
- ४-पिन से लेकर ६४-पिन के माइक्रोकन्ट्रोलर उपलब्ध हैं।
- इनके डिजाइन में इन्टरप्ट लैटेन्सी कम से कम रखने की कोशिश की जाती है।
माइक्रोकन्ट्रोलरों की प्रोग्रामिंग
संपादित करेंपहले माइक्रोकन्ट्रोलर की प्रोग्रामिंग प्रायः असेम्बली भाषा में करनी पडती थी। किन्तु आजकल अच्छे-अच्छे साफ्टवेयरों (कम्पाइलर, डिबगर, एमुलेटर आदि) के आ जाने से अब सीधे C या C++ में प्रोग्रामिंग सुलभ हो गयी है।
इतिहास
संपादित करेंइन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- तकनीकी ज्ञान हिंदी में
- Embedded_dot_com - यहाँ पर माइक्रोकन्ट्रोलर एवं इम्बेडेड सिस्टम की डिजाइन से सम्बन्धित बहुत से उपयोगी एवं व्यावहारिक समस्यायों से सम्बन्धित लेख दिये गये हैं। सभी लेखक बहुत ही अनुभवी हैं।
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- माइक्रोकन्ट्रोलर ट्युटोरियल - यहाँ 8051, माइक्रोचिप के PIC और डलास के DS80C320 माइक्रोकन्ट्रोलरों को काम में लेने से सम्बन्धित अच्छी जानकारी दी गयी है।