माइसीलियम (mycelium) फफूंद (फ़ंगस) और फफूंद-जैसी बैक्टीरियाई कोलोनियों में वनस्पतियों की तरह शाखाओं वाले धागेनुमा हायफों को कहते हैं। यह अक्सर मिट्टी में फैला हुआ होता है और इसमें स्थान-स्थान पर सतह से ऊपर फफूंद के शरीर उगे हुए होते हैं। कभी-कभी जिस माध्यम में जीव की कोलोनी उग रही हो उसमें माइसीलियम के धागों का फैला हुआ एक जाल दिखता है। कभी-कभी एक ही जीव का माइसीलियम बहुत विस्तृत होता है और अमेरिका के ऑरेगॉन राज्य में पाया गया एक माइसीलियम 2,400 ऐकड़ पर फैला हुआ था। अनुमान लगाया जाता है कि इसकी आयु 2,200 वर्ष थी और सम्भव है कि यह पृथ्वी पर पाया गया सबसे बड़े आकार का जीव हो।[1]}}

फैला हुआ फफूंद माइसीलियम
गिरे हुए पेड़ की लकड़ी के नीचे उग रहा माइसीलियम

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Paul Stamets. Mycelium Running, Ten Speed Press, U.S.A. 2005 (p. 45, caption to figure 60)