माई स्टोरी (अँग्रेजी: My Story), अँग्रेजी भाषा की भारतीय लेखिका कमला दास की आत्मकथा से संबंधित पुस्तक है जो हिंदी में "मेरी कहानी"[1] के नाम से प्रकाशित हुई। यह किताब इतनी विवादास्पद हुई और इतनी पढ़ी गई कि उसका पंद्रह विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुआ। इसी की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली। कमला मलयालम भाषा में माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं और वर्ष 1984 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित भी हुई थीं।[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. "अभिव्यक्ति के खतरे उठाने वाली कमला दास (लेखक: रवींद्र व्यास)". वेब दुनिया हिन्दी. मूल से 3 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2014.